For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह आयोजन लगातार क्रम में इस बार एक सौ एकवाँ आयोजन है.   

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

21 सितंबर 2019 दिन शनिवार से 22 सितंबर 2019 दिन रविवार तक
 
इस बार के छंद हैं - 

1. शक्ति, तथा

2. तोमर 

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

 

एक बात और, आप आयोजन की अवधि में अधिकतम दो ही रचनाएँ प्रस्तुत कर सकते हैं.   

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं. 

शक्ति छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

तोमर छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 

21 सितंबर 2019 दिन शनिवार से 22 सितंबर 2019 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 5679

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

शक्ति छंद आधारित

लघुगीतिका (एक प्रयास)

~

किसी यह शहर की डगर है सखे,

गजब का  नजारा  मगर  है सखे।

~

निडर   घूमते   हैं    मवेशी  यहांँ,

व्यवस्था जहाँ  की लचर  है सखे।

~

हुआ आज  अवरुद्ध  आवागमन,

बड़ा  कष्टदायी  सफर  है   सखे।

~

डगर  लेट  कर  सांड सुस्ता रहा,

यहीं आज उसका बसर  ‌है सखे।

~

शिखी पीठ पर रंक करता शयन,

विदेही नशा  का असर  है सखे।।

-मौलिक व अप्रकाशित 

जनाब सत्यनारायण सिंह जी आदाब,प्रदत्त चित्र को परिभाषित करती शक्ति छन्द आधारित अच्छी लघुगीतिका लिखी आपने,इसे पढ़ कर मैंने ग़ज़ल का आनंद भी प्राप्त किया,इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

'यहीं आज उसका बसर  ‌है सखे'

इस पंक्ति पर जनाब सौरभ पाण्डेय जी से चाहूँगा  कि व्याकरण की दृष्टि से कुछ प्रकाश डालें ।

आदरणीय समर कबीर जी प्रस्तुति पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

आदरणीय 

जी आदरणीय,  गीतिका पर गुणीजनों ,आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी के मार्गदर्शन एवं सुझावों की मुझेभी प्रतीक्षा है आदरणीय

सादर

आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी सादर, प्रदत्त चित्र को उकेरते हुए शक्ति छंद आधारित सुंदर गीतिका रची है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. अंतिम पंक्ति में नशा  या नशे  आएगा. देख लें. सादर. 

आदरणीय अशोक रक्ताले जी आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। आदरणीय आपकी पारखी नजर का कमाल है जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम है

नशे का असर ही उचित होगा 

बहुत बहुत आभार संग नमन आदरणीय

डगर  लेट  कर  सांड सुस्ता रहा,  .. जहाँ  लेट  कर  सांड सुस्ता रहा

यहीं आज उसका बसर  ‌है सखे .... वहीं आज उसका बसर  ‌है सखे

शिखी पीठ पर रंक करता शयन,

विदेही नशा  का असर  है सखे।। .... वाह  !

सखे बहुत सही जगह है और आदरसूचक सटीक शब्द है [ जैसे ... हे सखे ] 

आदरणीय सत्यनारायण भाईजी इस  मोहक प्रस्तुति के लिए हृदय से बधाई

आदरणीय अखिलेश  जी प्रस्तुति पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन हेतु आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर 

प्रिय सत्यनारायण जी, शक्ति छंद के मात्रिक विधान पर अच्छी गीतिका रची है, बहुत बहुत बधाई आपको.

आदरणीय गणेश बागीजी प्रस्तुति पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार आदरणीय सादर

आदरणीय सत्य नारायण जी
प्रदत्त चित्र पर शक्ति छंद का अच्छा प्रयास है मुबारक बाद पेश करती हूँ |

जी सादर आभार आपका आदरणीया मंजीत कौर जी

शक्ति छंद

 

उठाओ नजर रहगुज़र देख लो ।

यहाँ जिन्दगी का सफ़र देख लो ।

निकाले घरों से बशर देख लो ।

रुकी है कहाँ ये डगर देख लो ।।

 

न है धर्म या धाम या कर्म ही ।

न भय है न चिंता न है शर्म ही ।

मिला है मनुज रूप अच्छा भला ।

बना किन्तु है जानवर बावला ।।

 

न चाहा न सोचा उधर आदमी ।

पडा साण्ड की पीठ पर आदमी ।

अधो वस्त्र तन पर नहीं एक है ।

अजब है मगर साण्ड भी नेक है ।।

 

भले हैं बुरे हैं कई रंग हैं ।

नियम कायदे हैं मगर भंग हैं ।

किसी को न परवाह ही है न डर ।

सड़क पर नगर की फिरें जानवर ।।

 

सभी एक हो चलो ठान लें ।

नियम कायदों को सभी मान दें ।

करें देश हित के भले कर्म अब ।

यही है समझ लो मनुज धर्म अब ।।

 

मौलिक/ अप्रकाशित.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आ.बंधु दिनेश कुमार विश्वकर्मा, मुक्त छंद कविता मात्र सीधा- साधा सामाजिक व्यवस्था पर आक्रमण नहीं है।…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आदरणीय बंधु, ASHOK KUMAR RAKTALE,  प्रस्तुति हेतू बधाई के  लिए आपका आभारी हूँ, श्री !…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"DINESH KUMAR VISHWAKARMA, ji, आप मेरी  प्रस्तुति,  नवरात्र: दोहे, तक पहुँचे…"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"सादर अभिवादन स्वीकार करें आदरणीय Raktale जी। आपके बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु आभार आपका ।"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आदरणीय दयाराम मेठानी साहब सादर, उत्तम सीख देते तीनों ही मुक्तक सुन्दर रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई…"
9 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी सादर, सुन्दर अभिव्यक्ति. निर्धन पिता के लिए बेटी का ब्याह किसी…"
9 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, अच्छा प्रयास है आपका दोहों पर. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. भाई दिनेश…"
9 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आदरणीय नमस्कार । दोहे छंद हेतु बधाई किंतु कई स्थान पर देवी को देवि लिखा गया है व कहीं कहीं पँचकल…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"तीन मुक्तक(1) थके मांदे परिन्दों को शाखों से उड़ाया मत कीजिये, अपने वरिष्ठ जन भी है थके मांदे सताया…"
16 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"नारी बेटी का ब्याहगरीब पिता के लिएहोता है जीवन भर का स्वप्न देखा कई बार इसके लिएखेत बिकतेखलिहान…"
22 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"शुभ प्रभात, आदरणीय! नवरात्रः दोहे मातृ-शक्ति ही पूज्य है, शारदीय नवरात्र । नौ स्वरूप हैं देवि के,…"
23 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"स्वागतम"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service