For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मजदूर दिवस पर विशेष :भोजपुरी लघु कथा-जिवुतिया के वरत

भोजपुरी लघु कथा : जिवुतिया के वरत


रामजियावन मुह लटकवले घरे लउट अइलन अउर उदास होके चउकी प ओलर गइलन, सुरसतिया तनी धिरही से कहलस "काहे चल अइनी जी, गाड़ी घोड़ा आज नइखे चलत का ? ना हो अइसन बात नईखे, राम जियावन तनिक बोझिल मन से बोलले, हम त कामो पर गइल रही, पर ठिकदरवा कामे बन कर दिहले बा, कहत बा कि आज मजदूर दिवस ह, काम करवला पर सरकार डाण लगा दिही, गाडियों भाड़ा लाग गईल आ कामो ना मिलल, दिन में त काम चल जाई पर रतिया में लईकवन के का खियावल जाई ? एतना बात कहत-कहत रामजियावन के आँख लोरा गईल | सुरसतिया धीर धरावत बोललस, ऐ जी रौआ उदास मत होई, केहू तरे दिन के खोराकी से दू रोटी बचा के हम लइकन के खिया देब, आ हमनी दुनो बेकत बुझ लेवल जाई कि आज *जिवुतिया के वरत ह |

*जिवुतिया वरत : बाल बच्चा के सलामती खातिर बिना पानी, अन्न के भूखे रहे वाला वरत/पूजा

  • गणेश जी "बागी" 

हमार पिछुलका पोस्ट => भोजपुरी ग़ज़ल ( गणेश जी "बागी" )

Views: 2500

Replies to This Discussion

आह.. अतना जबरदजस्त लघु-कथा बा गणेशभाईजी ! कथ्य, कसावट, कथा के सुरू, अंत, दूनो बेकत के बीच भइल संवाद सभ कुछ सम्यक बा.
बहुत-बहुत बधाई.
अइसना रचनन से भोजपुरी विभाग, साँच बा, सँवर जाई.

आदरणीय सौरभ भईया, लघुकथा के रूप में कहानी लिखे के इ हमार पहिला परयास ह, रौआ जे तरे उत्साहवर्धन कईले बानी ओहसे सचहू बहुत उत्साह बढ़ेला,

आज कल भोजपुरी लेखन में एतना त्रुटी पावल जात बा कि का कहल जाव, लेखक लोग भी ध्यान नईखे देत धाय धाय दगले जात बा, ऐसे भोजपुरी के छवि जरुर धूमिल होत बा |

रौआ के पुनः धन्यवाद बा , नेह छोह बनवले रही |

आदरणीय श्रीकांत पाण्डेय जी, दिहाड़ी मजदूरन के हालत कोई से छुपल नइखे, १००-१५० रुपया मिलेला हड्डी तोड़ मेहनत के पीछे, वोहू में कुछ मेंठ लोग टान लेला, महंगाई के हाल हमनी से छुपल नइखे, ५०० रुपया टूटते कईसे ख़त्म हो जात बा उ कहे के जरुरत नईखे, ओह परिस्थिति में एक दिन भी छुट्टी हो गइल, उपवास ही करा दिही |

 

सराहना खातिर बहुत बहुत आभार |

 ऐ जी रौआ उदास मत होई, केहू तरे दिन के खोराकी से दू रोटी बचा के हम लइकन के खिया देब, आ हमनी दुनो बेकत बुझ लेवल जाई कि आज जिवुतिया के वरत ह |

बड़ नीमन ................... मार्मिक ......................... बधाई गणेशजी.

सतीश भईया, रौआ त खुद बहुत नीमन कहानीकार बानी, इ हमार पहिला लघु कथा बा, एहपर राउर आशीर्वाद मिलल, हमार लिखल सार्थक भइल, कमी अगर कुछ दिखे त निसंकोच बतावे के कृपा करब | बहुत बहुत आभार राउर |

गणेश जी आपकs एगो औरी छिपल प्रतिभा ओ बी  ओ पर सामने आईल | बधाई होखे ,ई हमनी खातिर बड़ा ख़ुशी  कs बात बा | लघु कथा में एगो गाँव क मजदूर क परिवार के पीड़ा मुखरित भईल बा | साथ ही आज के हालात आ योजनाओं की हकीकतो सामने आइल बा | एतना नीमन कहानी कहला खातिर मुबारकवाद !

धन्यवाद अरुण भाई, रउरा लोगन के इ लघु कथा पसंद आवत बा, हमार प्रयास  सार्थक हो गइल, हम बतावल चाहब की इ लघु कथा लिखे के प्रेरणा आदरणीय योगराज प्रभाकर जी से मिलल ह |

jai ho bahut badhia bagi ji agar sarkar lalfita sahi na khatam kari tab le aisahi jiutiya ke vaet ho rahi

धन्यवाद गुरु जी,

bada marmik katha ba bagi ji. sahi baat ba, sarkaar ke ka malum ki ek din agar majdoor majduri na kare t chulha jaral bhi muhaal ho jala. majdur k khata na hola, aa agar hoibo karela t khali ya bs otne paisa hola ki khata band na ho sake.

आशीष भाई, हम राउर बात से सहमत बानी, सराहना हेतु धन्यवाद |

बहुत ही मार्मिक मन को छू लेने वाली लघु कथा. भोजपुरी मे पढ़कर बहुत अच्छा लगा. आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आदरणीय दिनेश जी तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है मुबारक बाद पेश है ।  दूसरे शेर में इमारत…"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"2122 1122 1122 22/112 जहाँ इंसाफ़ भी बिकता हो वहाँ क्या देखूँबेबसी है मैं ग़रीबी का तमाशा देखूँ चैन…"
2 hours ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आादरणीय लक्षमण धामी जी ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है इसके लिये बधाई स्वीकार करें । "
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"नमस्कार,  शुभ प्रभात, भाई लक्ष्मण सिंह मुसाफिर 'धामी' जी, कोशिश अच्छी की आपने!…"
6 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब!अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"लोक के नाम का  शासन  ये मैं कैसा देखूँ जन के सेवक में बसा आज भी राजा देखूँ।१। *…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी, कुछ और प्रयास करने का अवसर मिलेगा। सादर.."
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या उचित न होगा, कि, अगले आयोजन में हम सभी पुनः इसी छंद पर कार्य करें..  आप सभी की अनुमति…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.  मैं प्रथम पद के अंतिम चरण की ओर इंगित कर रहा था. ..  कभी कहीं…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
""किंतु कहूँ एक बात, आदरणीय आपसे, कहीं-कहीं पंक्तियों के अर्थ में दुराव है".... जी!…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी जी .. हा हा हा ..  सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य आदरणीय.. "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service