For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भोजपुरी ग़ज़ल

ठेस जब दिल पर न लागल, मन अकुलाईल काहे |
बात जब कुछुओ न रsहल, आँख लोराईल काहे ||

फांस लालच के फईलल बा, मना ओहर ह जाइल |
बात सभके समझ आइल, लोग अझुराईल काहे ||

सबुर से बड़हन नईखे, केवनो दउलत जहां में |
मिलल एगो रोटी जे कम, मन झुझूआईल काहे ||

ऊ करेले प्यार तहरा से, कहत रहलs सभे से |
बोललs जे आई लव यू, फेर खिसिआईल काहे ||

जनम लेवे से पहिले, मार दिहलs बिटियन के |
अब पतोहू ना मिले, तs मन बघूआईल काहे ||

  • गणेश जी "बागी" 

ग़ज़ल सुने खातिर प्ले (>) बटन पर चटका लगाईं ....

हमार पिछुलका पोस्ट => एगो प्रयोग : भोजपुरी घनाक्षरी

Views: 2546

Replies to This Discussion

बागी जी, भोजपुरी साहित्य श्री में ई ग़ज़ल बस बढ़ोत्तरी न करत बिया बलुक बहुत बढ़िया स्थानों राखत बिया| अंतिम वाला शे'र त बहुत सुघर बा|
बहुत बहुत धन्यवाद|

बहुत बहुत धन्यवाद भाई आशीष जी, अंतिम वाला शे'र हमहू के बहुत निक लागल | 

/बात जब कुछुओ न रsहल, आँख लोराईल काहे/

कबो-कबो अइसनो हो जाला कि अचानके से कौनो पुरान घटना आ चांहें केहू याद आ जाई, आ फेन, बिना कौनो बाते के आँख से टप-टप लोर गिरे लागी. ओ मनोदशा के सन्दर्भ में राउर इ पंक्ति एकदम सटीक बईठ$ तिया.

 

/बात सभके समझ आइल, लोग अझुराईल काहे/

"लालच बड़ा बेकार चीज़ ह" इ बात पता ता सबकरा रहेला. लेकिन तबो लोग अझुराईल रहेला. का करब, कूल मोह-माया के चक्कर ह$.. :P

 

/ऊ करेले प्यार तहरा से, कहत रहलs सभे से |
बोललs जे आई लव यू, फेर खिसिआईल काहे ||/

एही से कहात रहे कि पहिले कनफरम क$ लीं, लेकिन रऊआ मनबे ना कईनी (अइसहीं 'बागी' नाम थोड़े धरा गईल बा..:)), त$ ऊ त खिसियईबे करिहें.


कूल मिलाके हम त इहे कहम कि इ ग़ज़ल ना ह$ ए भाई.. इ त$ बवाल ह बवाल. बधाई स्वीकार कईल जाऊ.

जय हो!

विवेक भाई बहुत बहुत धन्यवाद बा रौआ के, रौआ जईसन कुवार लोगके तनी ध्यान देवे के जरुरत बा, आई लव यू तनी सोच समझ के ही बोलब जा :-))))

गणेश, भोजपुरी में मैंने ये पहली गज़ल पढ़ी है...बहुत बढ़िया...बधाई !

 

''जनम लेवे से पहिले, मार दिहलs बिटियन के |
अब पतोहू ना मिले, तs मन बघूआईल काहे ||''

शन्नो दीदी, आपका आभार | 

Bagi ji, Namaskar.  Bhojpuri gajal bahut badhiya lagal ha...bahut badhayee.

प्रणाम बहिन, बहुत बहुत धन्यवाद |

बहूते सुनर बहूते निमन साधुवाद बा भाई जी के रौरा लेखनी के सलाम !

Dhanyavaad Bhai Rajeev Jee.

अंतिम  पंक्तियों में गजल सार्थक हो गई |

आपकी टिप्पणी के पश्चात् वास्तव में ग़ज़ल सार्थक हो गई, बहुत बहुत आभार आदरणीया मोहिनी जी,

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
20 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service