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गर्मी के महीना में हमरा मन में इ बात उठेला कि हमनी का काहे ना हिल स्टेषन में पैदा भइली जां। ओहिजा हमनी का ना जायेके पड़ीत। एहिजे ठंडा के मजा लूटल जाईत। बाकिर विधाता के आगे केकर बस चलेला। हारि मान के ओहि तरे रहे के बा जवना तरे उ राखसू। गर्मी के महीना में पहिले आम फरे बेषुमार। हमनी का आम खा-खा के अघा जाईजां। खरबूज-तरबूज के पूछ ना रहे । घरे-घरे लोगन के खइला से मन हटि जा अउरू गाइ-गोरू भी मनहट्टू हो जा सन। आम के अचार हर घरे घइली भरल रहसं। आजू के दिन एकरा बारे में सोचल भी अइसन बा कि जवन अपना दिमाग में ना आ सके।
बाजार में जाईं त रउरा के आम के लेके दुकान दार बइठल मिल जइहसन। लेकिन पहिले के जइसे हितई से आइल सपना हो गईल। लोग आम के दाम पूछता अउर जे पुरनका पीढी के बा उ लजाके आपन मुंह फेरिलेता आ ओकरा जरूरत बा त खरीदता नाही त ओइजा से अइसन बिदकता कि जइसे कवनो खतरनाक जानवर देखिलिहलस।
बाजार भाव भी आसमान में चढ गइल बा। जवन परसाल बीस के रहे उ एह साल पैतीस व चालीस के नीचे नइखे। कहीं-कहीं कम करवला पर तीस तक आ जाता । उ हो एहसान जतावत।
धन्य समय के खेल बा । अउर हमनी के भाग बा । जबकि संसार विष्व पर्यावरण दिवस मना रहल बा । जगहे-जगह फेड़-गांछी लगावल जात बा। हमनी का जरूरत के उ फेड़ आ गांछी लगावे चाहीं जवना से हमनी के फायदा होखे । इ सच बा कि कुछ लकड़ी अउरो काम में आवे ली स लेकिन आम जामुन, महुआ, श्रीफल, नीबू, आवला, आमड़ा इत्यादि पर जदि ध्यान दीहल जाउ त इ सामयिक होखी आ जनमन के बहुत लाभ पहुंची।

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"जय हो.. "
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"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
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"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
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"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
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"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
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"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
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"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
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"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
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"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
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"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
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