साथियों !
प्रणाम,
आपका अपना ओपन बुक्स परिवार आज १००० सदस्यों का हो गया है | मैं अकेले ही चला था कारवाँ बनता गया.....इस सूक्त वाक्य को सत्य करते हुए १ अप्रैल २०१० को प्रारंभ हुए ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आज १००० लोग जुड़ गए है, जबकि इस परिवार को साफ़ सुथरा रखने के क्रम में ३० लोगो को अब तक बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है अब तक कुल १५ ऐसे भी लोग है जिनको OBO परिवार के नियमों को पालन करने में दिक्कत थी और मनमाना करने से रोकने के कारण स्वतः इस परिवार को छोड़ कर चले गए |
आज इतने कम समय में यह साईट सबका पसंदीदा साईट बन गयी है और लोग मानने लगे है कि साहित्य के क्षेत्र में अभी तक ओ बी ओ जितना पारदर्शी और सुविधायुक्त कोई दूसरी साईट नहीं है |
आप सभी को बहुत बहुत बधाई और धन्यवाद, बगैर आप सभी के सहयोग के यह संभव नहीं था |
आप सबका
गणेश जी "बागी"
(संस्थापक)
ओपन बुक्स ऑनलाइन
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सभी सदस्यों और विशेष कर बागी भाई आपको और पूरी एडमिन टीम को बहुत बधाई और शुभकामनाएं ! निश्चित ही आने वाले समय में ओ बी ओ और कई रिकार्ड बनाएगा | यह एक साफ़ सुथरा और विश्वसनीय मंच है और इसकी गतिविधियाँ इसकी गवाही देती हैं | इसके तरही और चित्र काव्य तथा भोजपुरी साहित्य जैसे आयोजन लोकप्रिय ही नहीं स्तरीय भी होते हैं और हम सबको अपने आपको मांजने का अवसर मिलता है |
पुनः साधुवाद !!
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1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
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