For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुकुभ छन्द अर्द्धमात्रिक छन्द है. इस छन्द में चार पद होते हैं तथा प्रति पद 30 मात्राएँ होती हैं.

प्रत्येक पद में दो चरण होते हैं जिनकी यति 16-14 निर्धारित होती है. अर्थात विषम चरण 16 मात्राओं का और सम चरण 14 मात्राओं का होता है.

दो-दो पदों की तुकान्तता का नियम है.
प्रथम चरण यानि विषम चरण के अन्त को लेकर कोई विशेष आग्रह नहीं है. किन्तु, पदान्त दो गुरुओं से होना अनिवार्य है. इसका अर्थ यह हुआ कि सम चरण का अन्त दो गुरु से ही होना चाहिये.

महाराष्ट्र के प्रसिद्ध लावणी नृत्य के साथ गाये जाने वाले लोकगीत इसी छन्द में निबद्ध होते हैं. इन गीतों के पदान्त दो लघुओं के बाद दो गुरुओं से होता है. अर्थात ये कुकुभ छन्द के ही प्रारूप हैं.

कुकुभ छन्द का उदाहरण -

मानव मूल्य गिरे नित नीचे, भ्रष्टाचार उठा ऊँचा !
अपनी-अपनी डफली सबकी, अपना-अपना है कूंचा !!
किससे कहें वेदना मन की, अब कैसे भाग्य जगायें!
अन्धकार के जंगल में हम,अब कैसे आग लगायें !!   (राज बुन्देली)

****
(मौलिक और अप्रकाशित)

ज्ञातव्य : आलेख अबतक उपलब्ध जानकारी के आधार पर प्रस्तुत हुआ है.

Views: 3507

Replies to This Discussion

आदरणीय सौरभ भाईजी, 

नित नये छंदों से परिचय कराने के लिए हृदय से आभार। कुकुभ छंद के नियम भी सरल हैं , कहीं कोई घुमावदार  ' गुगली ' नहीं ।

अंतिम पंक्ति में प्रवाह बाधक है।   /// हम अन्धकार के जंगल में ,अब कैसे आग लगायें !! ///

सादर 

आदरणीय  सौरभ जी

आपने जो उदहारण दिया है उसकी अंतिम दो पंक्तियों में प्रवाह बाधित प्रतीत होता है i ये पंक्तिया क्रम परिवर्तन से  निम्न प्रकार हो तो प्रवाह  बाधित नहीं होगा-

किससे कहें वेदना मन की, भाग्य जगायें अब कैसे

अन्धकार के जंगल में हम, आग लगायें अब कैसे

आपका मार्ग दर्शन अपेक्षित है i सादर i

यह एक शुभ संकेत है कि उदाहरण के तौर पर भाई राज बुन्देली की हालिया छन्द-रचना की गेयता पर मीमांसाएँ आ रही हैं. विश्वास है, इस बार के छन्दोत्सव में सुगढ़ रचनाओं से मन आह्लादित रहेगा.

सादर आभार आदरणीय अखिलेश भाईजी तथा आदरणीय गोपाल नारायनजी.

आ.सौरभ जी कृपया आप मात्रा सहित छन्द का उदाहरण दे मुझे समझने में थोड़ी आसानी होगी | 

भाई महर्षिजी, कल रात १२ बजे से ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का अंक ४६ प्रारम्भ हो चुका है. इस बार का छन्द कुकुभ ही है. आप आयोजन में शिरकत करें और प्रस्तुत हुई रचनाओं को देखें. इससे बढिया कार्यशाला और कहाँ या कैसी होगी ?
आपने अपना यही प्रश्न इस आयोजन में करें तो आपके माध्यम से बेहतर संवाद स्थापित होगा. ऐसे संवाद सार्थक परिचर्चा का कारण होते हैं. ऐसी परिचर्चाओं से अन्यान्य जिज्ञासु पाठकों को लाभ होता है.   

आपको भी ज्ञात है, इस माह का छन्दोत्सव अंक ४६ शनिवार दिनांक २१ फरवरी की रात १२ को समाप्त होगा.  

शुभेच्छाएँ.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
57 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
58 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आप का बहुत धन्यवाद।  "दोज़ख़" वाली टिप्पणी से सहमत हूँ। यूँ सुधार…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service