आदरणीय साथियो,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
बाल मानस की उलझन को सुलझाने का प्रयास बेहतर ढंग से निरूपित हुआ है।झूठ के अलावे सच का भी निदर्शन आता, तो पूर्णता आ जाती,शायद।फिलवक्त, बधाइयां स्वीकार करें,आदरणीय उस्मानी जी।
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।
आदरणीय उस्मानी जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई आपको। सादर
हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब।
आभार
प्रदत्त विषय पर अच्छी रचना हार्दिक बधाई आदरणीय उस्मानी जी। चंचल/ नटखट..एक ही अर्थ है
हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी। ध्यान आकृष्ट कराने हेतु शुक्रिया, लेकिन मेरे विचार से दोनों शब्दों में तनिक अंतर है। शब्द 'चंचल' का अर्थ 'अस्थिर' जबकि शब्द 'नटखट' का मतलब 'शरारती' मेरी जानकारी अनुसार।
झूठ - सच
भूख के भय से मुक्त हुए लोगों के सम्मान में समारोह चल रहा था। सभी सजे - धजे थे।चकाचौंध बिखेड़ती रोशनी,रंग - बिरंगी सजावट मन मोहते थे।अचानक ऐलान हुआ कि मंत्री जी पधार रहे हैं। उनके सम्मान में मारे गूंजने लगे , " भूखों का मसीहा जिंदाबाद! हमारा नेता सच्चा है,और दूसरा बच्चा है!" तालियां गड़गड़ाईं।पास के पेड़ के पंछी हवा हो गए। नेताजी ने माइक संभाला। सम्मानार्थियों के लिए आई फूल -मालाओं से लदे गले से भराई -सी आवाज उभरी, " भूखमारी भाग गई। अब कोई भूखा नहीं सोता।"
"चुप्प ..चुप झूठे!"
"कौन हो?" नेताजी गरजे।
"भूख हूं।बेबसी हूं। सच्चाई हूं। समझा?" चीथड़ों में लिपटी बुढ़िया गुर्राई।
"मौलिक और अप्रकाशित "
आदाब। लघु आकार की बेहतरीन मार्मिक लघुकथा। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। सच तो सच है। सच की आवाज़ गुर्रायेगी, झकझोरेगी ही।
बेहतर शीर्षक की भी गुंजाइश है।
मारे नारे ✓
भर्राई
गूॅंजने
हूॅं
हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।
आदरणीय मनन कुमार सिंह जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर
आभार आदरणीय।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |