For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sheikh Shahzad Usmani's Discussions (5,121)

Discussions Replied To (4455) Replies Latest Activity

"जनाब डॉ. आशुतोष मिश्रा साहब ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वााााह-- //-नहीं है खौफ उन्हें टूट कर बिखरने का जिन्हें है शौक मुसीबत में ही निखरने…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत बढ़िया जनाब मोहन बेगोवाल साहब- //उभर आया हूँ मैं जो डूब कर सतह पर अब "तमाशा खत्…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"इस सुंदर प्रस्तुति के आख़री तीन अशआर मुझे बहुत पसंद आए- // मैं मुंतजिर था चमन में कि…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूब , खुलकर अपनी बात बख़ूबी अभिव्यक्त की है आपने इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल में। बहुत बह…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुति में बढ़िया मतला, गिरह और मक़्ते के लिए हृदयतल से बहुत बहु…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"रहा लगाव कभी फ़र्ज़ से उभरने का, रहा झुकाव कभी स्वार्थ से संवरने का । तराशना न रहा…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"मार्गदर्शन करती सुंदर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"सम्पूर्ण प्रस्तुति बहुत बढ़िया लगी आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी। बहुत बहुत हार्दिक बध…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ख़ूबसूरत मतले, मक़ते और गिरह के साथ बढ़िया प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई आपको आदरण…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
4 hours ago
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
4 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
11 hours ago
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service