For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह आयोजन लगातार क्रम में इस बार 93 वां आयोजन है.   

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

19 जनवरी 2019 दिन शनिवार से 20 जनवरी 2019 दिन रविवार तक
 
इस बार का छंद है - 

दोहा छंद  

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.  छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है,  चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

साथ ही, रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है.    

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंग

दोहा छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 19 जनवरी 2019 दिन शनिवार से 20 जनवरी 2019 दिन रविवार तक यानी दो दिनों के लिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 7148

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

// देवनागरी लिपि का वजूद ही इसलिए हुआ कि इस लिपि के ज़रिए से हिन्दी भाषी उर्दू और फ़ारसी का ज्ञान हासिल कर सकें,//

ऐसा किसने कहा है ? या फिर कहाँ लिखा है आदरणीय ? यह तो रोचक तथ्य प्रस्तुत हुआ है.

इस तथ्य के उद्भव का स्रोत मैं जानना चाहूँगा.  

अभी समय कम है हुज़ूर-ए-वाला,आपको ये जानकारी अवश्य उपलब्ध कराई जाएगी,और देना ज़रूरी भी है,लेकिन कुछ समय लगेगा ।

वैसे एक महीने से हमारी फ़ोन पर चर्चा नहीं हुई ,एक महीना हो गया है,कल बात करूंगा आपसे ।

एक हफ़्ते बाद ही बातें कर पाऊँगा. अभी व्यस्त हूँ

ठीक है,जनाब ।

//ओबीओ का उद्देश्य सीखना और सिखाना है,और जानते बुझते किसी जानकारी को पटल को न देना मेरे नज़दीक जुर्म है,मैं इस तरह की जानकारी अपने परिवार से इसलिए साझा करता हूँ कि इसके सदस्यों को उर्दू और फ़ारसी शब्दों के मूल रूप से परिचित करा सकूँ,लेकिन देखने में आ रहा है कि मेरी इस जानकारी की यहाँ कोई अहमियत नहीं,कृपया मंच के संस्थापक की हैसियत से मुझे ये बता दें कि क्या मैं ऐसी जानकारी अपने परिवार को न दूँ,//

जैसाकि आपने माना है कि यह पटल सीखने सिखाने की है तो फिर जानकारी न साझा करने की बात कैसे कोई कह दे, किन्तु हमें संतुलन तो बना कर रखना ही होगा न कि भ्रम की स्थिति न बने. 

//आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि देवनागरी लिपि का वजूद ही इसलिए हुआ कि इस लिपि के ज़रिए से हिन्दी भाषी उर्दू और फ़ारसी का ज्ञान हासिल कर सकें//

यह नई बात सामने आ रही है। आश्चर्यचकित हूँ। 

इसका कोई दूसरा मक़सद हो तो आप बताएं?

//  किन्तु हमें संतुलन तो बना कर रखना ही होगा न कि भ्रम की स्थिति न बने.//

संतुलन यक़ीनन होना चाहिए,लेकिन किसी शब्द की जानकारी से सुंतलन बनेगा न कि बिगडेगा आली जनाब ।

भाई सत्यनारायण जी,हिन्दी भाषा में 'ज' और 'क' के नीचे बिंदी नहीं लगती,लेकिन जब उर्दू फ़ारसी शब्दों का प्रयोग करेंगे तो उन्हें देवनागरी में लिखते समय बिंदी लगाना होती है,इसी को देवनागरी लिपि कहते हैं,ये अलग बात कि हम लगाना नहीं चाहते,मिसाल के तौर पर हम अगर 'राज़' शब्द के नीचे बिंदी नहीं लगाएंगे और उसे 'राज' लिखेंगे तो उसका अर्थ ही बदल जायेगा,"राज़" शब्द का अर्थ है रहस्य और 'राज' शब्द का अर्थ आप जानते ही हैं,अब ऐसे में "राज़" शब्द लिखना होगा तो इन दोनों शब्दों में फ़र्क़ बिंदी से ही होगा,अन्यथा हम रहस्य को 'राज' कैसे कहेंगे,क्या 'राज' शब्द को रहस्य के अर्थ में लेंगे,ये ऐसे बिंदु हैं जो एक रचनाकार को मालूम होना ही चाहियें, और ये सीखने सिखाने का पटल है इसलिए मैं इंगित करता हूँ,अन्यथा मुझे क्या हिन्दी, उर्दू,फ़ारसी का ज्ञान नहीं? और यहाँ अगर आप इस जानकारी को लेना पसंद नहीं करेंगे तो आइंदा नहीं लिखूंगा,वैसे ये बात कि किसी भी भाषा के शब्द का प्रयोग अपनी मर्ज़ी से नहीं होगा,जिस भाषा का शब्द प्रयोग करना हो तो उसे उसके मूल रूप में ही लेना उचित होता है ।

आदरणीय समर साहब, यहाँ मैं आपसे सहमत नहीं हूँ, अनेक ऐसे शब्द हैं जो मूल रूप से भले किसी अन्य भाषा से रहे हों किन्तु आज वो हिंदी में समाहित हैं और हमें देवनागरी लिपि में कथित बिंदी लगाना नहीं पढ़ाया / सिखाया गया।  जहाँ तक राज की बात है हिंदी में अनेकार्थी शब्द बहुत सारे हैं जिनका अर्थ वाक्य प्रयोग के अनुसार बदलता है और भाषा अलंकार में सहायक हैं।  

सादर। 

आप सहमत नहीं हैं,कोई बात नहीं,लेकिन मुझे ये तो बता दें कि मैं ऐसी जानकारियां मंच को उपलब्ध करूँ या नहीं?

//मैं ऐसी जानकारियां मंच को उपलब्ध करूँ या नहीं?//

अवश्य करें आदरणीय किन्तु ऐसा न हो कि हम जिज्ञासुओं को जानकारी के स्थान पर भ्रम प्राप्त हो.

ऐसा नहीं होगा,मुतमइन रहें ।

आदरणीय समर कबीर जी आप मेरे कहे को अन्यथा न लें यदि आपको मेरे कहे से ठेस पहुची हो तो क्षमा चाहता हूँ. आदरणीय यह सीखने सिखाने  का पटल है  यह मेरा  सौभाग्य  है की आप जैसों का  सुझाव आशीष रूप में मुझे  भविष्य में भी प्राप्त होता रहे

सादर नमन 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय भाईजी  सभी पंक्तियों में योग की महिमा है और योग को जीवन शैली बनाने की प्रेरणा…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्रानुरूप अच्छे छंदों का सृजन हुआ है आदरणीय अखिलेश जी।         …"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"अच्छे छंद हुए हैं आदरणीया प्रतिभा पांडे जी। चित्र को अच्छे से परिभाषित किया है आपने।    …"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी  चित्र के अनुरूप और शिल्प बद्ध है आपकी प्रस्तुति, हार्दिक बधाई स्वीकार…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी,  आपकी तीनों छंद रचनाएँ प्रदत्त चित्र को, इसके भाव को शाब्दिक कर रही…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"रचना प्रयास को अपना अमूल्य समय देकर सराहने और उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद +++++++++ सारे चैनल देखिए, पढ़िए सब अखबार्। योग शक्ति को मानता, अब सारा संसार॥ अब सारा…"
4 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"कुण्डलिया छंद  _____ कहता है यह प्यार से,बात पते की चित्र।  सेहत की कुंजी मिले, बने…"
4 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय, 'नूर साहब, ग़ज़ल लेखन पर आपके सिद्धहस्त होने से मैंने कब इन्कार किया। परम्परागत ग़ज़ल…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय अजेय जी,  आपकी छंद-रचनाएँ शिल्पबद्ध और विधान सम्मत हुई हैं.  सर्वोपरि, आपके…"
20 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"योग ****    छोटी छोटी बच्चियाँ, हैं भविष्य की आस  शिक्षा लेतीं आधुनिक, करतीं…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service