For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 74231

Reply to This

Replies to This Discussion

dhanybaad amrendra bhai
प्रीतम जी आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं| इश्वर करे यह दिन आपके जीवन में बार बार आये|

bahut bahut dhanybaad rana bhai....aap log ka aashirvaad paakar dil gad gad hua....isi tarah apna haath mere upar banaye rakhen

 

साथियों आज मेरे बड़े भैया, अच्छे मित्र, और हर दिल अजीज एवं ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संस्थापक गणेश भैया(गणेश जी बागी) का जन्मदिन है...मैंने अपने और पुरे ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की तरफ से गणेश भैया की लम्बी उम्र की प्रार्थना करता हूँ....इश्वर आपको हर दुःख हर तकलीफ से बचाए....सिर्फ खुशियाँ ही खुशियाँ आपके पास हो.....और आपके जैसा बड़ा भाई ऊपर वाला सबको नसीब करे....

MANY MANY HAPPY RETURNS OF THE DAY GANESH BHAIYA

 

बहुत बहुत धन्यवाद प्रीतम भाई, आप सब का प्यार देखकर मन गद गद हो गया है, आज मुझे समझ में आ रहा है कि पिछले १ वर्ष में हम लोग कैसा परिवार बना लिया है, सच ईश्वर ऐसा परिवार(OBO परिवार) और आप जैसा मित्र और भाई सबको दे |
अमरेन्द्र भाई इस प्यार हेतु बहुत बहुत धन्यवाद |

गुरु जी, प्रणाम

 



गणेश जी बागी भैया को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं !! ओ बी.ओ. के ज़रिये आपने हम सबको एक मंच पर लाने और हमारी प्रतिभा को निखारने का पुनीत कार्य किया है आपको ईश्वर और शक्ति और संसाधन दे और आप और मजबूती से आगे बढ़ें !{कल बाहर था अतः आज ही बधाई स्वीकारें कृपया !}

सादर साथियों !!

 "अमर उजाला" के वाराणसी संस्करण के आज २३ मई २०११ के साहित्यिक पेज पर मेरी ग़ज़ल प्रकाशित हुई है -

ग़ज़ल -

खुदाई जिनको आजमा रही है ,

उन्हें रोटी दिखाई जा रही है |

 

शजर कैसे तरक्की का हरा हो ,

जड़ें दीमक ही खाए जा रही है |

....

(पूरी ग़ज़ल मेरे ओ बी ओ ब्लॉग पर )

 

हाल ही में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय की गृह पत्रिका 'सूचना भारती "के वार्षिक अंक ०५ में भी मेरी ग़ज़ल और दोहे प्रकाशित हुए हैं |

 

दोहे -

 

तंगी नट भैरव हुई और भूख मदमाद ,

महँगाई के कंठ से फूटे नित नव राग |

 

ग़ज़ल -

 

जब भी कवि मन गाता होगा ,

कुछ खोता कुछ पाता होगा |

 

(पूरी रचनाएँ ओ बी ओ पर मेरे ब्लॉग में उपलब्ध हैं )

badhai ho arun bhai....aap isi tarah tarakki ki nayi bulandiyon ko chute rahe  yahi kaamna hai

 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
2 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
18 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service