Tags:
Replies are closed for this discussion.
अच्छी प्रस्तुति आ. जानकी जी। बधाई।
एक जागरूक और सक्रीय सदस्य की शानदार सलाह.
[30/08 22:59] Rashmi Tarika: परिभाषा
( खातिरदारी)
" बहू ..तुम विजय जवाईं जी से बात क्यों नहीं करती ।नंदोई हैं तुम्हारे ..उनका मान सम्मान करना तुम्हारा फ़र्ज़ है ...नाराज़ नहीं होने चाहिए। इस बात का ध्यान रखना ।"
"माँजी..उनकी खातिरदारी में कोई कमी न रहे मैं ध्यान रख रही हूँ "।अपनी सफाई देते हुए निशा ने कहा।
" खाने पिलाने से केवल खातिरदारी नहीं होती । विजय जी शिकायत कर रहे थे कि तुम उनसे बात नहीं करती ।यह गलत बात है बहू।"
अपनी सास की बात सुनकर निशा अवाक रह गई। पिछली बार सबकी उपस्तिथि में भी नंदोई जी से ज़रा सी हँस कर बात की तो सासू माँ ने मर्यादा में रहने का एलान कर दिया और आज उनके आदेश का पालन करते हुए वो खामोश है तो नंदोई से बात करना अनिवार्य कर दिया गया। इसी कशमकश में उसने अचानक अपने कंधे पर हाथ महसूस हुआ ।
"अरे सलहज जी..क्या बात है ! हमसे नाराज़ हैं क्या ...कुछ सेवा भी नहीं करती ..."।
"आप अंदर जाइये ...मैं इनको भेजती हूँ आपकी खातिरदारी के लिए ।" निशा ने गुस्से से अंदर जाने का इशारा किया तो वो खिसिया कर अंदर चले गए।
परिभाषा
( खातिरदारी)
" बहू ..तुम विजय जवाईं जी से बात क्यों नहीं करती ।नंदोई हैं तुम्हारे ..उनका मान सम्मान करना तुम्हारा फ़र्ज़ है।नाराज़ नहीं होने चाहिए।इस बात का ध्यान रखना ।"
"माँजी..उनकी खातिरदारी में कोई कमी न रहे इस बात का ध्यान रख रही हूँ "।अपनी सफाई देते हुए निशा ने कहा।
" खाने पिलाने से केवल खातिरदारी नहीं होती । विजय जी शिकायत कर रहे थे कि तुम उनसे बात नहीं करती ।यह गलत बात है बहू।"
अपनी सास की बात सुनकर निशा अवाक रह गई। पिछली बार सबकी उपस्तिथि में भी नंदोई जी से ज़रा सी हँस कर बात की तो सासू माँ ने मर्यादा में रहने का एलान कर दिया और आज उनके आदेश का पालन करते हुए वो खामोश है तो नंदोई से बात करना अनिवार्य कर दिया गया। इसी कशमकश में उसने अचानक अपने कंधे पर हाथ महसूस हुआ ।
"अरे सलहज जी..क्या बात है !हमसे नाराज़ हैं क्या?कुछ सेवा भी नहीं करती ..."।
खातिरदारी की इस नई परिभाषा से दंग रह गई निशा।
(मौलिक एंवम अप्रकाशित)
आयोजन के अंतिम क्षणों में आपकी इस प्रस्तुति का आना स्वागत योग्य है आ० रश्मि तारिका जी, हार्दिक अभिनन्दन स्वीकार करें। किन्तु २-२ लघुकथाएँ क्यों पोस्ट कर दीं ? दूसरी लघुकथा हटा दी जाएगी।
ओह !!! बेहद दुखद प्रसंग हुआ यह । पवित्र रिश्तों में आग लगाती ये विसंगतियाँ ! बधाई आयोजन में शिरकत करने के लिए आदरणीया रश्मि तरिका जी । पुरे दो दिन आपकी राह देखी हमने लेकिन देर आये दुरूस्त आये
देर से आने के कारण आपकी कथा पर चर्चा अच्छे से नहीं हो पायेगी लेकिन आपकी उपस्थिति ही काफी है हमारे लिए । अगली बार आपसे हमें बहुत उम्मीद रहेगी । सादर
यहाँ कब १२ बज जाये और कमेंट हवा में लटक जाये इसलिए छोटे छोटे कमेंट दे रही हूँ । हा हा हा हा :)))))
समय के साथ सास के बर्ताव में बदलाव और ननदोई की बदनीयती को ताड़ कर उचित निर्णय लिया लघुकथा की नायिका ने| बधाई आपको इस रचना के लिए, आदरणीया रश्मि तारिका जी|
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |