For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

" कितने गंदे लोग हैं , छी , सब तरफ गन्दगी ही गन्दगी , उधर किनारे चलते हैं " कहते हुए लड़का बड़े प्यार से हाथ पकड़ कर उसे किनारे ले गया और आँखों में आँखें डाल कर खो गए दोनों |

" साहब मूंगफली ले लो , टाइम पास " |

" ठीक है , दे दो " , और फटाफट पैसे देकर रुखसत किया उसको |

पता ही नहीं चला , कब मूंगफली ख़त्म हो गयी और अँधेरा हो गया | दोनों उठ कर चलने लगे |

लेकिन जैसे ही लड़की ने झुक कर छिलके उठाये , लड़के का हाथ अपने गाल पर चला गया |  

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 705

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on August 25, 2014 at 5:34pm

आभार मीना पाठकजी..

Comment by Meena Pathak on August 25, 2014 at 5:53am

सुन्दर , संदेशप्रद लघुकथा ..सादर बधाई स्वीकारें 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 24, 2014 at 8:17pm

आदरणीय श्री विजय कुमार सिंह जी, मतलब समझाने के लिए ह्रदय से आभार! दरअसल इतनी महीन बात मुझे समझ में नहीं आई. क्या करें अक्सर हम लोग ऐसा ही करते हैं एक बार गीतांजलि एक्सप्रेस के टू टायर ए सी के डिब्बे में सीट के नीचे केले के छिलके मैंने भी देखे थे जबकि वहां 'डस्ट बिन' पास ही था.

Comment by विनय कुमार on August 24, 2014 at 1:53am

आभार सुभ्रांशुजी..

Comment by विनय कुमार on August 24, 2014 at 1:52am

आभार जितेंद्रजी..

Comment by Shubhranshu Pandey on August 24, 2014 at 12:53am

आदरणीय विनय जी,

जिस जगह को साफ़ करने में काफ़ी वक्त लग जाता है गंदा होने में  उसे कुछ समय लगता है. सुन्दर कथा. बधाई.

सादर.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 23, 2014 at 12:10am

बहुत सही बिंदु को आपने लघुकथा का केंद्र बनाया है आदरणीय विनय जी. कभी कभी बिना आवाज के भी तमाचे पढ़ जाया करते है. बधाई स्वीकारें

Comment by विनय कुमार on August 22, 2014 at 9:42pm

आभार राजेश कुमारी जी..

Comment by विनय कुमार on August 22, 2014 at 9:41pm

आभार लक्ष्मण प्रसादजी..

Comment by विनय कुमार on August 22, 2014 at 9:41pm

आभार सौरभ पाण्डेयजी , स्नेह बना रहे ..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई संजय जी, अभिवादन एवं हार्दिक धन्यवाद।"
33 seconds ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई दयाराम जी, हार्दिक धन्यवाद।"
1 minute ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई आज़ी तमाम जी, गजल पर उपस्थिति व प्रशंसा के लिए आभार।"
2 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई दिनेश जी, अभिवादन एवं आभार।"
3 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. रिचा जी, अभिवादन। प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
6 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन के लिए आभार।"
7 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"अच्छा उदाहरण दिया आपने मगर इस शेर में कर्ता स्पष्ट है आपके शे'र में नहीं  मैं …"
18 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दयाराम मेथानी जी"
38 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय आज़ी  तमाम जी"
39 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी"
39 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"शह ले सकते हैं शाह का लघु होता है यकींनन भी हटाएँ"
52 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service