For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अन्दर की चिंगारी को खोजो

मैं
समुद्र की उन लहरों की तरह नहीं
जो बार -बार गिरती है / उठती है
और
किनारे तक आते - आते
दम तोड़ देती है ॥

मैं
उन घोड़ो की तरह भी नहीं
जिसे
चश्मा लगा देने पर
सुखी घास भी
हरी दूब समझ खा लेते हैं ॥


मैं
उन दिहाड़ी मजदूरों की तरह भी नहीं
जो १०० रुपया और एक पेट खाना पर
बुला लिए जाते है ....
राजनेताओ की रैलियो में
भीड़ जुटाने के लिए ॥

मैं तो चिंगारी हु मेरे दोस्त !!
सबके दिल में रहता हु
ओस की एक बूंद .......
मेरी इहलीला समाप्त कर सकती है
या
हवा की तनिक सी सिहरन
मुझे अंगारे बना सकती है ॥

Views: 402

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rash Bihari Ravi on June 3, 2010 at 2:54pm
हवा की तनिक सी सिहरन
मुझे अंगारे बना सकती है ॥
bah kya bat hain,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 1, 2010 at 11:53pm
वाह बहुत ही उम्द्दा ये रचना है, जबरदस्त, क्या सोच है, बहुत ही बढ़िया कविता , धन्यबाद के पात्र है बबन भाई, जै हो,
Comment by baban pandey on June 1, 2010 at 1:56pm
कंचन जी ,आनद वत्स जी ....आप लोगों का स्नेह और प्यार ही किसी को लिखने के लिए प्रेरित करता है ...कोई खास विषय वस्तु पर लिखना कठिन होता है ...फिर भी ...अगर आप मुझे कोई टोपिक देगे तो मैं उस पर लिखने की कोसिस अवश्य करुगा ....मैं हु एक नया सदस्य ....बबन पाण्डेय
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on June 1, 2010 at 1:56pm
मैं
समुद्र की उन लहरों की तरह नहीं
जो बार -बार गिरती है / उठती है
और
किनारे तक आते - आते
दम तोड़ देती है ॥

bahut hi badhiya rachna hai baban bhaiya.......
Comment by Kanchan Pandey on June 1, 2010 at 1:47pm
मैं
समुद्र की उन लहरों की तरह नहीं
जो बार -बार गिरती है / उठती है
और
किनारे तक आते - आते
दम तोड़ देती है ॥
Bahut hi shandar vichar hai, harek bharat vaasi key andar aisi hi chingaari ki jaroorat hai, jo samay aaney par angaar mey badal jaay.
Comment by Admin on June 1, 2010 at 1:23pm
मैं तो चिंगारी हु मेरे दोस्त !!
सबके दिल में रहता हु
ओस की एक बूंद .......
मेरी इहलीला समाप्त कर सकती है
या
हवा की तनिक सी सिहरन
मुझे अंगारे बना सकती है ॥

आदरणीय बबन पाण्डेय जी प्रणाम, और बहुत बहुत स्वागत है ओपन बुक्स ऑनलाइन पर आपके पहले ब्लॉग का, आपने तो अपने पहले ही ब्लॉग मे एक ऐसा चिंगारी छोड़ दिया है की उसका अंगारा बनना तय है, बहुत ही उम्द्दा और ससक्त अभिव्यक्ति है ,आदरणीय योगराज जी तो पहले ही आप के बारे मे मुझे बताया था आज मै आपकी प्रतिभा को देख भी लिया हू, मै तहे दिल से योगराज प्रभाकर जी का शुक्रगुजार हू जो उन्होने ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार मे एक और हीरा जोड़ने मे सहायक बने,

आपका अपना ही
ADMIN
OBO
Comment by Anand Vats on June 1, 2010 at 1:08pm
मैं आपका कायल हु | शानदार और वाकई में उम्दा सोच बहुत बहुत वधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश जी, आपकी सहजता के प्रति विशेष आभार।"
22 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"//झील झरने नद सरोवर सब हैं सूखे आपको अपनी सुराही दिख रही है।// क्या कहने भाई मिथिलेश जी, बहुत ही…"
24 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"सातों दोहे एक से बढ़कर एक, आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी बधाई स्वीकार…"
28 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय तिलक राज जी शब्दों के अर्थ ये रहे। ये शब्द आम ही हैं।"
32 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय Tilak Raj Kapoor जी, आपने बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही है, इसपर रचनाकार को अवश्य ध्यान…"
33 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"अच्छी ग़ज़ल हुई। वाह"
35 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, प्रदत्त विषय आधारित अच्छी अतुकांत रचना प्रस्तुत हुई है, बधाई स्वीकार करें।"
35 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी, प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस…"
35 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"//दोष गर्मी का सूरज पे मत डालिए// आहा ! आपकी प्रस्तुत रचना मैं गुनगुनाते हुए पढ़ लिया, सच में आनंद आ…"
37 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"रूख - पेड़ पटभेड़ - किवाड़/दरवाजा बंद रहना पिलखन - एक पेड़ का नाम"
38 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"बहुत सही सुझाव आदरणीया  डॉ प्राची जी। "
44 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय  सुरेश कुमार 'कल्याण' जी, प्रदत्त विषय को केंद्रित शानदार रचना…"
45 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service