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मित्रो,

 

१९५७ में Ayn Rand ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण पुस्तक लिखी थी..Atlas Shrugged.

 

इस पुस्तक में उन्होंने आने वाले समाज का प्रक्षेपण किया था। पढ़िए निम्न पंक्तिओं

को और देखिए कि उनकी १९५७ की सोच से आया आज के समाज का चित्रण

कितना सच निकला है .....

 

“When you know that in order to produce, you need to obtain permission from men who produce nothing, when you see that money is flowing to those who deal not in goods but in favours, when you see that men get rich more easily by graft rather than by work, and your laws no longer protect you against them but protect them against you...... you may know that your society is doomed."

आज कितना-कुछ यही तो हो रहा है।

 

उनकी इस पुस्तक के १०८० पन्ने जगह-जगह पर भविष्य के समाज का ऐसा ही ज़ोरदार चित्र देते हैं।

 

सादर और सस्नेह,

विजय निकोर

 

 

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Replies to This Discussion

    You have quoted  very rightly .Ayn Rand was a great Thinker. To learn thinking our young generation should read her books and then have their own thoughts which are almost nought today.

k k garg

Thank you dear Garg ji.

 

Both in Atlas Shrugged and in Fountainhead, Ayn Rand has given us great philosophy for our conduct in life. I started reading her works at the age of 21 when respected Amrita Pritam ji recommended her books to me, and her philosophy has stayed with me ever since.. For me, it boils down to being true to my 'self' in whatever I do.

 

Later I felt disagreement with her philosophy from her being an atheist, however, upon deeper thinking I feel that

an atheist of her stature of thinking really is even closer to God than many believers.

Regards,

Vijay Nikore

Dear Vijay ji

I consider ayn rand giving half truth which is full in itself to make a man independent. So i consider it  must for youth  and then one has to grow beyond and enter into interdependance.

regards

kkgarg

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