For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अंजुमन प्रकाशन की आफिशयल वेबसाईट लॉन्च की गयी

इलाहाबाद | कम कीमत में श्रेष्ठ साहित्य को उत्तम रूप में प्रस्तुत करने के संकल्प के साथ प्रकाशन क्षेत्र में पदार्पण करने वाली संस्था ''अंजुमन'' ने आज ७ जुलाई २०१३ को अपनी वेबसाईट लांच की | http://www.anjumanpublication.com/ वेब साईट लांच करते हुए अंजुमन प्रकाशन के प्रोपराईटर आकाश केसरी ने बताया कि इससे हम पाठकों तथा लेखकों तक खुद को सर्व सुलभ कर सकेंगे और आपनी पुस्तकें आनलाइन बेच कर पाठकों तक सीधी पहुँच बना बनाएँगे |

आज इंटरनेट उपभोक्ता में लेखक वर्ग की एक बड़ी हिस्सेदारी है जो इंटरनेट पर अनेक वेब साईट्स पर सक्रिय हैं और लेखन - पठन से साहित्य का बढ़िया माहौ़ल तैयार हुआ है, पुराने दौर में लेखक प्रकाशक के चक्कर लगाते थे और प्रकाशक लेखक के लिए अनुचित रवैया रखते थे मगर तकनीकि के इस दौर में  प्रकाशक खुद लेखक के पास उपलब्ध होना चाहते हैं  ऐसे में प्रकाशक भी इंटरनेट पर पहुँच रहे हैं अंजुमन प्रकाशन द्वारा वेबसाईट लांच करने को भी इसी नजरिये से देखा जा रहा है 

प्रोपराईटर आकाश केसरी ने बताया कि प्रकाशन की पहली पुस्तक उन्मेष (काव्य संग्रह) है जो छप कर तैयार है और इसका विमोचन अगस्त के पहले हफ्ते में कोलकाता में किया जाना है कवयित्री मानोशी का यह पहला काव्य संग्रह है, मानोशी कनाडा में शिक्षा जगत में सक्रिय हाँ और एक लम्बे समय से काव्य लेखन से जुडी हुई हैं 

अंजुमन प्रकाशन ने साहित्य सुलभ योजना शुरू की है जिसके अंतर्गत पहले सेट में ५ पुस्तकों का प्रकाशन किया जायेगा जिसमें प्रत्येक ९६ पृष्ठ की (पेपर बैक बाइंडिंग) पुस्तक का मूल्य मात्र २० रुपये रखा जायेगा, जिससे श्रेष्ठ साहित्य पाठकों तक पहुँच सके   

इसके साथ ही अंजुमन प्रकाशन की ओर से अंजुमन ग़ज़ल नवलेखन पुरस्कार की घोषणा की गयी जिसके अंतर्गत प्रत्येक वर्ष १ युवा शाइर को पुरस्कृत किया जायेगा जिसमें पुरस्कार स्वरूप सुनिश्चित धनराशि सम्मान पत्र व मोमेंटो दिया जाएगा तथा शाइर की पुस्तक अंजुमन प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की जायेगी, आगे बताया गया कि इससे सम्बंधित जानकारी जल्द ही विस्तार से वेबसाईट पर उपलब्ध करवा दी जायेगी तथा  अंजुमन ग़ज़ल नवलेखन पुरस्कार का फ़ार्म भी अपलोड कर दिया जायेगा |


वेब साईट - http://www.anjumanpublication.com/

कार्यालय -

आकाश केसरी 

अंजुमन प्रकाशन

द्वारा - जनता पुस्तक भण्डार 

९४२ मुट्ठीगंज, इलाहाबाद २११००३, उत्तर प्रदेश, भारत

मो - 9453004398, 9235407119
ई मेल - anjumanprakashan@gmail.com

(इस पोस्ट को प्रकाशित करने हेतु ओ बी ओ प्रबंधन से पूर्व अनुमति प्राप्त है)

Views: 3568

Reply to This

Replies to This Discussion

"" आदरणीय..वीनस जी, आवश्यक जानकारी देने के लिऐ, आपका बहुत बहुत..शुक्रिया " 'सादर '

जीतेन्द्र जी हार्दिक आभार

आदरणीय वीनस भाई,
इतनी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के लिए आपका हार्दिक आभार!
अंजुमन प्रकाशन को वेबसाइट प्रारम्भ होने पर बधाई और शुभकामनाएं!

धन्यवाद बृजेश जी

बहुत बहुत धन्यवाद

हार्दिक स्वागत है

बहुत खूब भाई, बहुत खूब भाई

बधाई, बधाई, बधाई, बधाई

शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया,  शुक्रिया

:)))))))))))))))))

नेक काज की शुरुआत करने के लिए तहे दिल से मुबारकबाद!!  

धन्यवाद

वैसे यह नेक भी है और केक भी :))))))))))))))

:))))))))))))))),

सचमुच ही :)))))))))

यह नेकी का केक तो अवश्य खाया जाएगा, वीनस जी हार्दिक बधाई आपको...

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service