For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या है उचित, प्रेम-विवाह या व्यवस्था-विवाह ?

आज हमारे आस-पास और समाज में यह बहुत ही गंभीर समस्या बनी हुई है और समय के परिवर्तन के साथ साथ यह समस्या और ही विकराल रूप धारण करते जा रही है.जिसका समुचित उदहारण "ऑनर किलिंग" है.
इस सवाल को इस मंच पर प्रस्तुत करने के पीछे मेरा एक ही उद्येश्य है,की इस सवाल का सही जवाब मिले.और मुझे उम्मीद भी है की ऐसा होगा क्योकि इस मंच पर ९० प्रतिशत सदस्य ऐसे है,जो काफी अनुभवी और समाज के हर तबके के लोगो के समस्या से वाकिफ है.और सबसे बड़ी बात यह है जिस उम्र के नवयुवको के लिए यह सवाल उलझा हुआ है,उस उम्र को भालीभाती यहाँ के लगभग सभी सदस्य पार कर चुके हैं.और इस मंच के सभी सदस्य अपने आप में एक मिसाल है ,इसलिए आप सबो से बेहतर जवाब और कोई नहीं दे सकता .
इसलिए इस मंच के सभी गणमान्य सदस्यों से मेरा हार्दिक अनुरोध है की.........की कृपया इस सवाल का जवाब अपने अनुरूप जरुर दे .अपने टिपण्णी से हमें अवगत कराये !




आपका छोटा भाई :-रत्नेश रमण पाठक

Views: 1132

Reply to This

Replies to This Discussion

love marriage is a combination of two hearts but arrange marriage is a combination of many hearts thats all thank you
भाई हिलाल अहमद हिलाल जी आपने अपनी प्रतिक्रिया दी उसके लिए धन्यवाद्.
आपने कहा प्रेम विवाह दो दिलो का मेल है जबकि व्यवस्था विवाह बहुत से दिलो का मेल होता है.जैसा की हम जानते है की शादी कोई दो-चार दिनों का बंधन नहीं है,यह एक ऐसा पवित्र रिश्ता है जो पुरे जिंदगी की तो दूर, पुरे सात जन्मो तक साथ रहता है .तो अगर हम चाहे की हमारा जीवनसाथी कुछ ऐसा मिले जिसके साथ हम पूरा जिन्दगी खुसी पूर्वक निर्वाह कर सके ....तो क्या यह गलत है ?या क्या यह सही है की हम थोड़े पैसो या कुछ लोगो के ख़ुशी के लिए अपनी जिन्दगी को तबाह कर दे?
thanks a lot hilal bhai for ur views on this disccussion.
प्रेम विवाह या व्यवस्थित विवाह में चुनाव एक कठिन प्रश्न है ...बिना प्रेम विवाह भयावह है अतः व्यवस्थित विवाह में प्रेम तलाश कर अपना सुखद भविष्य सुनिश्चित करना अच्छा विकल्प है....प्रेम विवाह प्रायः अव्यवस्थित होते हैं और उनका आधार प्रायः शारीरिक आकर्षण होता है ये जोश में तय होते हैं अतः होश आने पर ये अपनी अंतिम साँस ले लेते हैं ...अतः यदि किसी कारणवश यदि प्रेम विवाह आवश्यक भी हो तो भी इसे व्यवस्थित विवाह के अंतर्गत समाज की उपेक्षा न करते हुए करना चाहिए..ये स्थायी उपाय होगा सफल दाम्पत्य का ...
jee dhanyawad dr saheb aapke vichar ke liye .......
रत्नेश जी ,मुद्दा गंभीर है ,सदस्यों से आग्रह है कि विचार भी इसके दृष्टिगत ही रखें|कई प्रश्न देश काल और स्थिति पर निर्भर होते हैं अतः कोई एक पक्ष उत्तर नहीं हो सकता |व्यक्ति को घर परिवार समाज को सामने रखकर निर्णय लेना चाहिए |हम समाज के अंग हैं और हमारा निर्णय हमारे पूर्वजों और आने वाली पीढ़ियों पर प्रभाव डालता है |सामाजिक व्यवस्थाएं सदियों से चली आ रही है और उनके होते कोई बड़ा विघटन नहीं हुआ अन्यथा अब के दौर में तो सुबह प्रेम विवाह और शाम तक मनमुटाव हो जाता है |विवाह समझ के स्तर पर बना सम्बन्ध है अहम को अलग रखकर निर्वाह करना होता है |और हर बालिग़ अपना भला बुरा समझ सकता है |
प्रेम विवाह दो दिलो को जोरता हैं मगर दो परिवार को तोरता हैं , जबकि सामाजिक विवाह दो दिलो को जोरने के साथ साथ दो परिवार को भी जोरता हैं , मगर अब ये सोचने का विषय हैं अब बच्चो को भी सोच को ध्यान देना होगा ,
अगर प्रेम विवाह से किसी अन्य को कष्ट नहीं है तब तो ये ठीक है| अगर माता-पिता इसके पक्ष में नहीं तो फिर किस बात का प्रेम विवाह? प्रेम विवाह मै तो उसी को कहूँगा जिसमे हमें सबका प्रेम मिले| अगर किसी एक का प्रेम मिले और सब हमसे नफरत करने लगे तो ये प्रेम विवाह सही नहीं| जहाँ तक हो सके प्रेम विवाह को व्यवस्थित तरीके से संपन्न किया जाय तो उचित है| आदि अनादि काल से लोग प्रेम विवाह कर रहे है| यह बुरा नहीं मानता मै, परन्तु उपरोक्त बातों का भी ध्यान रहे|

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service