For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दीमक बिच्छू साँप से, पाला पड़ता जाय -

मौलिक / अप्रकाशित

दीमक बिच्छू साँप से, पाला पड़ता जाय ।

पाला इस गणतंत्र ने, पाला आम नशाय ।

पाला आम नशाय, पालता ख़ास सँपोला ।

भानुमती ने पुन:, पिटारा कुनबा खोला ।

पालागन सरकार, बनाओ रविकर अहमक ।

निगलो भारत देश, मौज में रानी दीमक ।।

पाला पढ़ना= मुहावरा

पाला= पालना / जल की बूंदे जो सर्दियों में (आम ) फसल बर्बाद कर देती है /

पालागन = प्रणाम

Views: 720

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रविकर on March 5, 2013 at 4:54pm

आभार आदरणीय-

Comment by ram shiromani pathak on March 5, 2013 at 2:34pm

आदरणीय इस रचना के लिए मेरी बधाई और सादर प्रणाम!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 5, 2013 at 12:27pm

आदरणीय रविकर जी, यह सही है कि पुनः की मात्रा १+२ के कारण ३ ही होगी लेकिन यह त्रिकल कुण्डलिया के रोला वाले भाग में विषम चरणांत है अतः उसका विन्यास २+१ की तरह होना चाहिये, जैसा कि आपने इसी कुण्डलिया के रोला वाले भाग के अन्य विषम चरणांतों को लिया है. जैसे, नशाय, सरकार, देश. ऐसा ही व्यवहार सम्मत है

वस्तुतः, रोला के लिए शब्द विन्यास, आदरणीय, यों कहते हैं -

विषम चरण -  ४+४+३   या,  ३+३+२+३

सम चरण -  ३+२+४+४  या, ३+२+३+३+२

इसके साथ ही, व्यवहार सम्मत यह भी है कि विषम का चरणांत गुरु लघु  या लघु लघु लघु हो.

तथा, इसी क्रम में सम चरणों का अंत गुरु गुरु, लघु लघु गुरु या, गुरु लघु लघु या लघु लघु लघु लघु  हो.

आदरणीय, हमने इसी व्यवहार सम्मत प्रचलन को पुनः शब्द के क्रम में रेखांकित किया है.

सादर

Comment by रविकर on March 5, 2013 at 9:17am

आभार आदरणीय जवाहर लाल जी ||

Comment by रविकर on March 5, 2013 at 9:16am

आभार आदरणीय सौरभ सर -
कुछ सुझाव आदरणीय-
पुन: की कुल मात्रा तीन मानी है-


मार्गदर्शन करने का कष्ट करें-
सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 5, 2013 at 7:21am

आदरणीय रविकर भाई,  दीमक रानी मौज मनानी.. .  :-))

अच्छा व्यंग्य वह भी यमक और श्लेष के जोर पर ! बहुत-बहुत बधाई.. .

एक बात :  भानुमती ने पुन:  के पुनः को देख लीजिये.  पर विसर्ग होने से ’न’ की मात्रा २ या ’न’ गुरु का हो गया है.

सादर

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 4, 2013 at 9:49pm

सटीक और समयानुकूल 

Comment by रविकर on March 4, 2013 at 8:31pm

आभार आप सभी महानुभावों का -
सादर

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on March 4, 2013 at 7:50pm

क्या बात है !!! आज के हालात का सटीक वर्णन ।
हार्दिक बधाइयाँ आदरणीय रविकर जी |

Comment by सतवीर वर्मा 'बिरकाळी' on March 4, 2013 at 7:32pm
बहुत सुन्दर कुण्डलियों के बधाई आदरणीय रविकर जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
18 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service