For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हम हो न सकते नीलकंठ

व्योमकेश !
हम हो न
सकते नीलकंठ ....
 गरल कर
धारण स्वयम
तुमने उबारा
संसृति को 
अमिय देवों
ने पिया
झुकना पड़ा
आसुरी प्रकृति को
थम गया
तव कंठ में ही
सृष्टि का विध्वंस
हम हो न सकते ....
साक्षी थे
तुम भी तो
विकराल मंथन के
सर्प सम संतति
समूची
तुम ही चन्दन थे
विष तुम्हें डंसता नहीं
देता हमें शत दंश
व्योमकेश!
हम हो न सकते......
दृष्टि तेजोमय तुम्हारी
पाप  होते भस्म
भव- उदधि में
बहने  वाले
तुच्छ मानव हम
तुम समय के सारथी
 हम काल के बंधक
तुम परे
अवगुंठनों से -
 अपनी  कुंठाएं अनंत
व्योमकेश!
हम हो न सकते......

Views: 816

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Vinita Shukla on October 7, 2012 at 1:39pm

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय प्रदीप जी.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on October 7, 2012 at 12:55pm

सारी बधाई एक साथ 

स्वीकारे महोदया जी सादर 

Comment by Vinita Shukla on October 2, 2012 at 10:26pm

'भ्रमर' जी, उत्साहवर्धन के लिए बहुत धन्यवाद.

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on October 2, 2012 at 8:26pm

आदरणीया विनीता जी बहुत ही सुन्दर भावों से सजी यादगार रचना .....महीने की सर्व श्रेष्ठ रचना चुने जाने के लिए आप को हार्दिक बधाई .. 

जय श्री राधे 
भ्रमर ५ 
Comment by Vinita Shukla on October 2, 2012 at 4:40pm

कोटिशः धन्यवाद वंदना जी.

Comment by Vinita Shukla on October 2, 2012 at 4:40pm

हार्दिक आभार डॉ. प्राची जी.

Comment by Vinita Shukla on October 2, 2012 at 4:39pm

बहुत बहुत धन्यवाद संदीप.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2012 at 2:09pm

सम्माननीया विनीता शुक्ला जी, इस बेहद सुन्दर रचना :"हम हो न सकते नीलकंठ " के माह सितम्बर की सर्वश्रेष्ठ रचना चुने जाने पर हार्दिक बधाई 

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on October 2, 2012 at 1:38pm

आदरणीया विनीता जी,

आपकी इस सुन्दर भावप्रवण रचना को महीने  की सर्वश्रेष्ठ कृति चुने जाने पर हार्दिक बधाई! सादर,

Comment by Vinita Shukla on September 26, 2012 at 7:42pm

सुन्दर शब्दों में सराहना हेतु आभार सीमा जी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी सहृदय शुक्रिया आदरणीय इस मंच के और अहम नियम से अवगत कराने के लिए"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आपका सुधार श्लाघनीय है। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय इस मंच पर न कोई उस्ताद है न कोई शागिर्द। यहां सभी समवेत भाव से सीख रहे हैं। यहां गुरु चेला…"
2 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई आदरणीय रिचा जी बधाई स्वीकार करें"
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service