नमस्कार साथियो !
चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता’ अंक-१८ में आप सभी का हार्दिक स्वागत है |
बंधुओं ! हमारे देश में क़ानून तो बहुत बना दिये जाते हैं पर उन पर अमल कितना होता है....यह इस बार के चित्र में स्पष्ट दिखाई दे रहा है | यह केंद्र सरकार के रेलवे विभाग का एक रेलवे स्टेशन है | जब यहाँ का यह हाल है तो अन्य जगहों का तो भगवान ही मालिक है ...जिस बालिका के हाथ में कापी-कलम होनी चाहिए थी उसके हाथ में झाडू ???.....अब आप सभी को इसका मर्म चित्रित करना है !
बाल श्रम पर आधारित इस बार का यह चित्र स्वयं मेरे द्वारा ही खींचा गया है |
किस्मत पे झाडू फिरे, दूर करें यह रोग.
कलम इसे अब दीजिए, सुधरें सारे लोग..
तो आइये, उठा लें अपनी-अपनी लेखनी, और कर डालें इस चित्र का काव्यात्मक चित्रण, और हाँ.. आपको पुनः स्मरण करा दें कि ओ बी ओ प्रबंधन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यह प्रतियोगिता सिर्फ भारतीय छंदों पर ही आधारित होगी, कृपया इस प्रतियोगिता में दी गयी छंदबद्ध प्रविष्टियों से पूर्व सम्बंधित छंद के नाम व प्रकार का उल्लेख अवश्य करें | ऐसा न होने की दशा में वह प्रविष्टि ओबीओ प्रबंधन द्वारा अस्वीकार की जा सकती है |
प्रतियोगिता के तीनों विजेताओं हेतु नकद पुरस्कार व प्रमाण पत्र की भी व्यवस्था की गयी है जिसका विवरण निम्नलिखित है :-
"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता हेतु कुल तीन पुरस्कार
प्रथम पुरस्कार रूपये १००१
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company
द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company
तृतीय पुरस्कार रुपये २५१
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala
A leading publishing House
नोट :-
(1) १५ तारीख तक रिप्लाई बॉक्स बंद रहेगा, १६ से १८ तारीख तक के लिए Reply Box रचना और टिप्पणी पोस्ट हेतु खुला रहेगा |
(2) जो साहित्यकार अपनी रचना को प्रतियोगिता से अलग रहते हुए पोस्ट करना चाहे उनका भी स्वागत है, अपनी रचना को "प्रतियोगिता से अलग" टिप्पणी के साथ पोस्ट करने की कृपा करें |
सभी प्रतिभागियों से निवेदन है कि रचना छोटी एवं सारगर्भित हो, यानी घाव करे गंभीर वाली बात हो, रचना मात्र भारतीय छंदों की किसी भी विधा में प्रस्तुत की जा सकती है | हमेशा की तरह यहाँ भी ओबीओ के आधार नियम लागू रहेंगे तथा केवल अप्रकाशित एवं मौलिक कृतियां ही स्वीकार किये जायेगें |
विशेष :-यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें|
अति आवश्यक सूचना :- ओ बी ओ प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है कि "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-१८ , दिनांक १६ सितम्बर से १८ सितम्बर की मध्य रात्रि १२ बजे तक तीन दिनों तक चलेगी, जिसके अंतर्गत आयोजन की अवधि में प्रति सदस्य अधिकतम तीन पोस्ट ही दी जा सकेंगी साथ ही पूर्व के अनुभवों के आधार पर यह तय किया गया है कि नियम विरुद्ध व निम्न स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये और बिना कोई पूर्व सूचना दिए प्रबंधन सदस्यों द्वारा अविलम्ब हटा दिया जायेगा, जिसके सम्बन्ध में किसी भी किस्म की सुनवाई नहीं की जायेगी |
मंच संचालक: अम्बरीष श्रीवास्तव
Tags:
Replies are closed for this discussion.
धन्यवाद मित्र ! अभी एक हाथ तो है ना :-))
सादर
आपकी साहित्य सेवा भावना और आपकी जिजीविषा को सादर प्रणाम, आदरणीय अम्बरीषभाईजी. आपके एक हाथ है, यह किसने कह दिया ? और आपने कैसे मान लिया ? हर एक सदस्य अपने हाथों में समिधा लिये आपकी यज्ञशाला में उपस्थित है. सभी के हाथ आपके ही हाथ हैं, आदरणीय.
आप शीघ्र स्वास्थ्य लाभ ले कर ही प्रतियोगिता-अखाड़े में उपस्थित हों.
सादर
स्वागत है आदरणीय सौरभ जी | अरे भाई जी मैं तो बस यूं हंसी में कह रहा था ! निश्चय ही आप सब मेरे भाई की तरह ही हैं और भाई तो दाहिना हाथ ही होता है| बस एक आध दिन में ही एक हाथ से काम करने का अभ्यास हो जाएगा तब पर्याप्त गति से टाइप भी कर सकूंगा | सादर
आदरणीय सौरभ भईया, आपके कथन पर मेरी भी सहमति है, अम्बरीश भाई शीघ्र स्वस्थ हो |
धन्यवाद आदरणीय बागी जी !
सादर धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण जी, आपका आदेश शिरोधार्य है :-)
मगर यह कुंडलिया छंद हैं अर्थात दोहा + रोला | क्या मैं यह समझूं कि आपको सिर्फ दोहे ही पसंद आये :-)))))))
सादर
आदरणीय मुझे आपके दोहा,रोला/कुण्डलिया पांचो ही बेहद पसंद आई
धन्यवाद आदरणीय
//पट्टी आँखों पर बँधी, हम तो हैं कानून.
बिना गवाही मौज हो, भले खून दर खून.//.....................................यहाँ तक दोहा है शेष रोला है
भले खून दर खून. लोग क़ानून उखाडू.
धाराएँ बहु एक, लगाते सब पर झाड़ू.
मजबूरी जो आज, जानते यद्यपि बेट्टी
फिर भी हम मजबूर, उतारें कैसे पट्टी......................................... रोला
कृपया इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी भारतीय छंद विधान में प्राप्त करें ! सादर
आभार जानकारी उपलब्ध करने हेतु, आपके आशीर्वाद से मै छंद विधान जल्दी ही देखकर सीखने का प्रयास करूँगा \ सादर |
सर्वप्रथम आपके शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ अम्बरीष जी....
आपकी पाँचों कुंडलियाँ अपने आप में श्रेष्ठ हैं..... लाचारी के साथ हास्य का भी सुंदर समावेश किया है आपने...... मज़ा आ गया...... किस तरह से आपने इस कठिन से विषय में भी हास्य पैदा कर सरलता से सब कुछ कह दिया...... शत् शत् नमन.....
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |