For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बंधन 
------
डाक्टर श्रीवास्तव की शुरू से आदत रही कि वे खुद और उनका स्टाफ समय पर अस्पताल पहुँचे। ज्यादातर वे समय से पहले अस्पताल पहुँच जाते ताकि अन्य राजकीय औपचारिकताओं के निर्वहन में खर्च होने वाले समय की प्रतिपूर्ति की जा सके और अधिक से अधिक मरीज देखे जा सकें। अपने सरल स्वभाव और मानवीय संवेदनाओं में अग्रणी होने के नाते क्षेत्र में बहुत लोंक प्रिय थे। मरीजों की भीड़ लगी थी और डाक्टर साहब तल्लीन थे सेवा भाव में। तभी मंत्री जी का आगमन हुआ। मंत्री का रूतबा और दबदबा दोनों ही कुछ ज्यदा था। उनके पहुँचते ही मरीजो को बाहर कर घेरा डाल दिया गया।
भारी भरकम शरीर और महीन आवाज वाले मंत्री जी बोले '' श्रीवास्तव , क्या बात बहुत छाए हुए हो। इस क्षेत्र में तुम्हारा बहुत नाम है , कमाई कुछ ज्यादा ही है। ''
'' नही मंत्री जी, आप जाँच करवा लीजिये, मैं निजी प्रैक्टिस भी नही करता न इस अस्पताल में मरीजों से ही कोई उगाही होती है , '' डाक्टर श्रीवास्तव सकपकाते हुए मंत्री जी से बोले।
''डाक्टर साहब ''बचा लो'' इन सब को, ट्रक ने मेरी बहू और बेटे को कुचल दिया। बहुत खून बह चुका है '' क्रन्दन सुन डाक्टर श्रीवास्तव उस ओर बढे ही थे कि मंत्री जी की आदेशात्मक आवाज ने उनके बढते कदम रोक दिये।
'' सर , पांच मिनट , ज़रा देख लूँ , इनको ''
''ठहरो , डाक्टर ''
'' सर वो मर जायेंगे ''
'' सोचता हूँ , तुम्हारी अपनी पोस्टिंग अपने ही क्षेत्र में करवा दूँ, इस बड़े घोटाले में तुम्हारा नाम डलवा दूँ , कुछ दिन आराम से रह लोगे , यहाँ बहुत काम करना पड़ता है तुम्हें। ' '
'' पर सर , आप अच्छी तरह जानते हैं। मैं तों निर्दोष हूँ , ये दंड किस लिए। ''
'' डाक्टर साहब , ये दंड नही पुरूस्कार है , तुम निर्दोष हो ,तभी तों , जाँच में भी निर्दोष पाए जाओगे , समझे। सारा मामला रफा दफा हो जाएगा । ''
डाक्टर साहब ये सुन सन्नाटे में आ गए '' मंत्री जी '' बचा लो '' ''बचा लो '' धम से कुर्सी पर गिर पड़े ,
मंत्री जी की गाड़ी अस्पताल परिसर के बाहर निकलते ही दुर्घटना ग्रस्त हो गयी , मंत्री जी बुरी तरह घायल थे , एक ही आवाज लगा रहे थे '' डाक्टर मुझे '' बचा लो ''
अपने पोते और बहू को बचाने की गुहार '' बचा लो' बचा लो '' न जाने कब की बंद हो चुकी थी।
मौलिक / अप्रकाशित
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा

Views: 529

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on July 19, 2015 at 8:27am

आदरणीय Omprakash Kshatriya  जी 

सादर अभिवादन 

आपका स्नेह मुझे प्रोत्साहित करता है 

धन्यवाद . 

Comment by Omprakash Kshatriya on July 19, 2015 at 8:13am
बहुत ही अच्छी रचना । बधाई आप को ।
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on July 17, 2015 at 7:32pm

आदरणीया savitamishra जी 

सादर अभिवादन 

मेरे प्रयास को आपने सराहा , आभार है , 

Comment by savitamishra on July 17, 2015 at 7:15pm

लूट हर जगह...दबाव न जाने क्या क्या गुनाह करा देता हैं...बधाई कथा के लिये ..सादर नमस्ते आदरणीय

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on July 17, 2015 at 10:15am

आदरणीय तेजवीर सिंह जी 

सादर अभिवादन ,

आपका स्नेह प्राप्त हुआ,

सादर आभार 

Comment by TEJ VEER SINGH on July 17, 2015 at 10:11am

आदरणीय प्रदीप कुमर जी,राजनीतिज्ञों की लूट खसोट का बडी बेबाकी से चित्रण किया है!अच्छी लघुकथा बनी है! हार्दिक बधाई!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
10 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी प्रदत्त विषय पर आपने बहुत सुंदर रचना प्रस्तुत की है। इस प्रस्तुति हेतु…"
15 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, अति सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"गीत ____ सर्वप्रथम सिरजन अनुक्रम में, संसृति ने पृथ्वी पुष्पित की। रचना अनुपम,  धन्य धरा…"
20 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ पांडेय जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"वाह !  आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त विषय पर आपने भावभीनी रचना प्रस्तुत की है.  हार्दिक बधाई…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ पर गीत जग में माँ से बढ़ कर प्यारा कोई नाम नही। उसकी सेवा जैसा जग में कोई काम नहीं। माँ की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service