For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(1122।1212।1212)

तेरे आगे मेरा जो हाल था सो है।
तेरी चाहत तेरा मलाल था सो है।

तू मेरी ज़िन्दगी बनेगी एक दिन
दिलेफित्ना का ये खयाल था सो है।

तेरी हसरत तेरी दिवानगी जुनून
तू मुझे साहिबे-कमाल था सो है 

यूँ गमों ने की बारिशें बहुत मगर
जो रगों में मेरे उबाल था सो है।

न रही तेरे दिल में पहले सी वफ़ा
न सही, मुझको ये बवाल था सो है

वही क़ातिल वही गवाह और सितम
वही मुंसिफ वही सवाल था सो है।

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 583

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 17, 2016 at 12:44pm
आ.मिथिलेश सर ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और हौसलाअफजाई पाकर मन हर्षित हुआ।व्यस्तताओं में रचनाकर्म से जुड़ नही पा रहा हूँ,आगे और सक्रिय होने के लिए प्रयास रहेगा।सादर आभार

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 17, 2016 at 12:36pm

आदरणीय कृष्ण भाई जी, बहुत दिन बाद आपकी ग़ज़ल पढने का अवसर मिला है. बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 16, 2016 at 9:43pm
हार्दिक आभार आ.राहुल डांगी जी।
Comment by Rahul Dangi Panchal on May 16, 2016 at 9:33pm
बहुत सुन्दर
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 16, 2016 at 9:13pm
आ.समर सर ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और हौसलाअफजाई पाकर मन हर्षित हुआ।व्यस्तताओं में रचनाकर्म से जुड़ नही पा रहा हूँ,आगे और सक्रिय होने के लिए प्रयास रहेगा।सादर आभार।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 16, 2016 at 9:08pm
आ.राहिला जी ग़ज़ल पर मुक्त ह्रदय से उत्साहवर्धन के लिए सादर आभार।
Comment by Samar kabeer on May 16, 2016 at 2:52pm
जनाब जान गोरखपुरी साहिब आदाब,बहुत दिन बाद आपकी ग़ज़ल से रूबरू होने का मौक़ा मिला है, बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ ।
Comment by Rahila on May 16, 2016 at 9:45am
हर शेर काबिले तारीफ़ है और पूरी ग़ज़ल बेहतरीन,ज्यादा जानकारी नही है मुझे इस विधा में, लेकिन आपकी रचना के भाव खूब पसंद आये । बहुत बधाई आदरणीय सर जी ।सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
14 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
16 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service