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पुनः ,
वीरेन्द्र वीर जी यह क्या है ? ग़ाम -लाफ़ की आवृति को निभाने की कोशिश हुई है. इसके प्रति भी सतर्क होना था. लेकिन इसके अलावा कोई और बात समझ में नहीं आयी.
आदरणीय सुनील प्रसाद जी रचना पर होसला अफजाई के लिए आप का दिल से शुक्रिया ....
आदरणीय सौरभ पाण्डेय सर आपने रचना पर समय दिया. उसके लिए आप का तहे दिल से आभार.
किया गया प्रयास कितना सफल है या पूर्ण असफल इसके प्रति आप की राय कुछ और स्पष्ट होती थी या कुछ सलाह आप देते तो अनुज को अवश्य कुछ सीखने का अवसर मिलता....
वीरेन्द्र वीर जी यह क्या है ? ग़ाम -लाफ़ की आवृति को निभाने की कोशिश हुई है. इसके प्रति भी सतर्क होना था. लेकिन इसके अलावा कोई और बात समझ में नहीं आयी.
हर प्रयास को मंच मिले यह उचित है क्या ?
थका हुआ मुकाम है।
कौन सी जगह है ये,
हर कोई परेशान है।।,,,,बढ़िया आ. VIRENDER VEER MEHTA जी |
आदरणीय अच्छी नज़्म हुई है , हार्दिक बधाइयाँ ॥
वाह बढ़िया प्रस्तुति
हार्दिक बधाई आदरणीय वीरेंदर वीर मेहता जी
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