For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

''खुशबू ओढ़ कर निकलता है''

२१२   १२१२   २२

 

खुशबू ओढ़ कर निकलता है

फूल जैसे कोई चलता है

..

 

रास्ते महकते हैं सारे

जिस भी सिम्त वो टहलता  है

..

 

हुस्न आफ़रीं कि क्या कहने 

जो भी देखे हाथ मलता  है

..

 

गो धनुक है पैरहन उसका       (धनुक=इन्द्रधनुष)

सात रंग में वो ढलता है

..

 

रंगा मुझको जाफ़रानी यूँ         (जाफ़रानी=केसरिया)

रात-दिन चराग़ जलता है

..

 

इश्क मुझको भी है तुमको भी

वख्त मायने बदलता है

..

 

दोस्त अब कहाँ वो पहले से?

मिलके दिल कहाँ उछलता है?

..

 

अब के हम भी चल बदल जायें

सिक्का कब पुराना चलता है ?

..

 

है फिजा में जह्र वो घोला

दुपहर आदमी उबलता है  

..

 

आ लगायें पेंड उजाले के  

वो सदाकतें ही फलता है

 ..

जब तलक न बोस हों दो शय

रौशनी का पर न जलता है

 

 

*************************************

  मौलिक व् अप्रकाशित (c)‘जान’ गोरखपुरी

**************************************

Views: 704

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 19, 2015 at 8:16am
हार्दिक आभार आ० shree सुनील जी!
Comment by shree suneel on June 18, 2015 at 10:21pm
आ लगायें पेंड उजालों के
वो सदाकतें ही फलता है.. ख़ूब.. ख़ूब..
आदरणीय कृष्ण मिश्रा जी, ख़ूबसूरत ग़ज़ल कही आपने. मुबारकबाद आपको.
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 17, 2015 at 8:35pm

आ० भाई केवल प्रसाद जी आपकी आत्मीय प्रसंशा ने बहुत उर्जा दी है,प्रयास रहेगा इसी प्रकार आपका स्नेह पाता रहूँ!हार्दिक आभार! सादर.

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 17, 2015 at 8:32pm

आ० कांता जी आप जैसी सुलझी हुई साहित्यसेविका से गज़ल पर मान मिलना बहुत उत्साहित कर रहा है,हार्दिक आभार!सादर!

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 17, 2015 at 6:32pm

// रंगा मुझको जाफ़रानी यूँ        

रात-दिन चराग़ जलता है //------पूरी की पूरी गज़ल ज़ाफरानी खुशुबू से गमक उठा. शांनदार गज़ल के लिये विशेष बधाई. सादर, आ0 जान भाई जी.

Comment by kanta roy on June 17, 2015 at 4:31pm
हर एक शेर लाजवाब बनी है ..... पढकर मन आनंद हो गया । बधाई इस सुंदर गजल के लिए आदरणीय कृष्णा मिश्रा जान गोरखपूरी जी
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 17, 2015 at 8:10am

आ० विजय सर! गजल पर आपकी हौसलाफजाई सदा प्रेरणा देती है,आ० स्नेह बनाये रक्खे!हर्दिक आभार!सादर!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 17, 2015 at 8:07am

आ० 'समर' सर गजल पर आपका अनुमोदन मिलना अपने आप में उपलब्धि है,हार्दिक आभार सर जी! आ० आपके मार्गदर्शन का भी मै आकांछी हूँ!सादर !

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 17, 2015 at 8:02am

आ० नरेन्द्र सिंह जी रचना को मान देकर हौसलाफजाई करने के लिए हार्दिक आभार!सादर!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 17, 2015 at 8:01am

आ० गोपाल सर आपकी भूरि-भूरि प्रसंशा और स्नेह पाकर रोमांचित हूँ,मन झूम झूम गया है,आ० मै पूरा प्रयास करूँगा कि इसी प्रकार रचनाओं का स्तर बनाये रक्खूँ और आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतर सकूँ! आ० अपना स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रक्खें!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service