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अनुत्तरित प्रश्न ( लघुकथा )

रात में धमाका हुआ , पूरा ट्रक उड़ गया , कोई नहीं बचा ।
सारी टोली अगले दिन टी वी पर चिपकी थी , अपने विजय का दृश्य और उसका असर देखने के लिए ।
उन समाचारों में बस उसी विस्फ़ोट की गूँज थी और सारे देश में उसी पर चर्चा हो रही थी । लेकिन फिर टी वी पर आये उस दृश्य को देखकर वो सब निशब्द रह गए जिसमे तीन साल की बच्ची विस्फोट में मृत अपने पिता के शरीर से लिपट कर रो रही थी ।
उसने कोई सवाल नहीं पूछा लेकिन उसके सवालों का उनके पास कोई ज़वाब नहीं था ।
मौलिक एवम अप्रकाशित

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Comment by विनय कुमार on July 3, 2015 at 2:04am

बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 3, 2015 at 1:30am

एक सफल लघुकथा केलिए हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमारजी..

Comment by विनय कुमार on June 25, 2015 at 10:09pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय मिथलेश वामनकर जी.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on June 25, 2015 at 1:56am

आदरणीय विनय जी गहरे तक प्रभावित करती इस सफल लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई 

Comment by विनय कुमार on June 13, 2015 at 10:28pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय कृष्ण मोहन जान गोरखपुरी जी..

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 13, 2015 at 10:15pm

भाई विनयजी बहुत ख़ूब लघुकथा हुयी है,हार्दिक बधाई!

Comment by विनय कुमार on June 10, 2015 at 5:21pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय  सुनील प्रसाद(शाहाबादी जी..

Comment by सुनील प्रसाद(शाहाबादी) on June 10, 2015 at 5:14pm
अत्यंत मार्मिक कथा ।
Comment by विनय कुमार on June 10, 2015 at 5:11pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी.

Comment by विनय कुमार on June 10, 2015 at 5:10pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय शुभ्रांशु पाण्डेय जी ..

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