For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अतुकांत - दवा स्वाद में मीठी जो है ( गिरिराज भंडारी )

अतुकांत - दवा स्वाद में मीठी जो है

********************************* 

मोमबत्तियाँ उजाला देतीं है

अगर एक साथ जलाईं जायें बहुत सी

तो , आनुपातिक ज़ियादा उजाला देतीं हैं

कभी इतना कि आपकी सूरत भी दिखाई देने लगे

दुनिया को

 

लेकिन आपको ये जानना चाहिये कि ,

इस उजाले की पहुँच बाहरी है

किसी के अन्दर फैले अन्धेरों तक पहुँच नही है इनकी

भ्रम में न रहें

 

कानून अगर सही सही पाले जायें

तो, ये व्यवस्था देते हैं

भय देते हैं , तोड़े जाने से सजा का

शारीरिक कष्टों का भय

लेकिन ,

समरथ के लिये तो गोसाईं जी ने कह ही दिया है

आप भ्रम में न रहें

 

लेकिन आपको जानना चाहिये कि ,

इनकी पहुँच आपकी सोच तक नहीं है ,

संस्कारों तक तो और भी नहीं

 

आज़ादी एक ज़हरीली दवा है

स्वाद में अच्छी है

मात्रा संतुलित हो तो फायदा भी बहुत करती है

असंतुलन के नुक्सान भी हैं

 

मै चाहता हूँ दवा फायदा करे

लेकिन कैसे ?

दवा स्वाद में मीठी जो है

************************* 

मौलिक एवँ अप्रकाशित  

Views: 739

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on April 30, 2015 at 11:17am

 अति सार्थक प्रस्तुति। हार्दिक बधाई।

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 29, 2015 at 10:20pm

संदेश देने में कविता सफल हुई.  बधाई.  आ0 भंडारी भाईजी.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 29, 2015 at 8:34pm

आदरणीय समर कबीर भाई , रचना आपको कहीं छू पायी तो मेरी मेहनत सफल हो गई , सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 29, 2015 at 8:32pm

आदरनीय नीलेश भाई आपको मेरी रचना मे कुछ सार्थकता नज़र आयी , मेरे लिये खुशी की बात है, आपका हृदौ से आभारी हूँ ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 29, 2015 at 8:31pm

आदरणीय श्री सुनील भाई , सराहना और उत्साह वर्धन के लिये आपका आभारी हूँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 29, 2015 at 8:29pm

आदरणीय मोहन सेठी भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका शुक्रिया ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 29, 2015 at 8:28pm

आदरणीय मिथिलेश भाई रचना की सराहना और सलाह दोनों के लिये आपका आभारी हूँ । आपकी सलाह भी उचित है बात दोनो एक ही कह रहे हैं पर प्रवाह आपकी बात मे जियादा है , मुझे आपकी सलाह स्वीकार है ! आभार आपका ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 29, 2015 at 8:26pm


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 29, 2015 at 8:26pm

आदरणीय बागी भाई जी , आपकी आनन्द दायक उपस्थिति से रचना धन्य हुई , उत्साह वर्धन एक लिये आपका आभारी हूँ ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 29, 2015 at 8:24pm

आदरणीय विजय भाई , रचना पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया ने मेरी मेहनत सफल कर दी , सराहना के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बात करते नहीं हुआ क्या है हमसे बोलो हुई ख़ता क्या है 1 मूसलाधार आज बारिश है बादलों से…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"खुद को चाहा तो जग बुरा क्या है ये बुरा है  तो  फिर  भला क्या है।१। * इस सियासत को…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ग़ज़ल~2122 1212 22/112 इस तकल्लुफ़ में अब रखा क्या है हाल-ए-दिल कह दे सोचता क्या है ये झिझक कैसी ये…"
7 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"स्वागतम"
7 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service