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खेल खेले जाते है
विश्व भर मै.लिए सद्भावना
 और सहकारिता का आधार
जीवन भी तो खेल है,
आईए इस पर करें विचार
शबनमी धुप पाने से पहले
गुजरना पड़ता है
सर्द हवाओं के दौर से
जीत हासिल करने से पहले
गुजरना पड़ता है
कठिन श्रम के दौर से
हारे गर आज तो 
जीतेंगे कल 
यही विचार 
बढाए रखता है मनोबल
लिए श्रम ओर विश्वास का सम्बल
हार जाओ तो भी रहो अविचल.
सेकड़ों प्रयास से 
सफलता,चींटी को मिली
ग्रहण लगने से कभी,
छवि सूरज कि न घटी
नितन्तर प्रयास से तू
,खुद को इतना सबल बना ले
विजयश्री खुद  आकर,
तुझे गले लगा ले
  

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Comment

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Comment by rajni chhabra on April 4, 2011 at 11:09pm
shukriya Abhinv for ur motivational comment
Comment by rajni chhabra on April 4, 2011 at 11:08pm

dhanyvad ganesh bhai

 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 4, 2011 at 9:09pm
खुद को इतना सबल बना ले
विजयश्री खुद  आकर,
तुझे गले लगा ले....
वाह वाह वाह , रजनी दीदी यह तो सूक्ति वाक्य की तरह है जो गिरह बाँध के रखने योग्य है , बेहद खुबसूरत रचना , बहुत बहुत बधाई इस उम्द्दा अभिव्यक्ति पर |
Comment by Abhinav Arun on March 25, 2011 at 3:40pm

बढ़िया रचना बधाई |

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