For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दूसरों को....................'जान' गोरखपुरी

खुशियों में होते है सब हमसफ़र..

गम में साथ कोई खड़ा नही होता!

दूसरों को करके छोटा ए-दोस्त...

कोई बड़ा नही होता!

जाने कितनी खायी ठोकरें

लाख रंजिश की गम ने..!

सामने खींचकर बड़ी लकीर

बड़ा बनना सीखा नही हमने..!!

यही करना था तो सियासत आजमाई होती!

हाथ में कलम की न रोशनाई होती..

जंग अदब की मै लड़ा नही होता!!

दूसरों को करके छोटा ए-दोस्त...

कोई बड़ा नही होता!

जिसने रची है सारी ही सृष्टि!

उसने है दी सबको एक आसमाँ एक ही जमीं..

जब खुदा ने,खुद फर्क न किया बन्दों में!

तो बाँध मत वाइज उसे मतलब के धन्धों में!!

लाख बड़ा बन जाये कोई मगर उससे कोई बड़ा नही होता!!

आये है सब वहीँ से,जाना है सबको वहीँ

बात है सच,मानो या मानो नही!

मै,मै हूँ करता तुम,तुम हो करते!

एक वो है कि.... शताब्दियों शताब्दियों

युगों युगों से,सुनता है सबकी

मगर कभी कुछ बोलता नहीं होता !

हम कोई रसूल हैं?

गुनाह अपने भी कई मकबूल हैं

कबूल है!कबूल है!कबूल है!

वर्ना बनके गर्द-ए-गुबारां दर-ए-यारां पड़ा न होता!

दुनिया में ‘जान’ अपना घड़ा न होता!!

दूसरों को करके छोटा ए-दोस्त...

कोई बड़ा नही होता!

*****************************************

मौलिक व् अप्रकाशित (c) ‘जान’ गोरखपुरी

*****************************************

Views: 549

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on March 26, 2015 at 8:45pm

दूसरों को करके छोटा ए-दोस्त...

कोई बड़ा नही होता!.....................बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...बधाई 

Comment by Shyam Mathpal on March 26, 2015 at 8:00pm

आदरणीय कृष्णा ji,

वाह क्या स्ंदेश- क्या भावना. हार्दिक बधाई

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on March 26, 2015 at 1:11pm

दूसरों को करके छोटा ए-दोस्त...

कोई बड़ा नही होता! 

बधाई कृष्णा जी .... दार्शनिक भाव लिये सुंदर रचना के लिये ...सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 26, 2015 at 11:43am

आदरणीय कृष्णा भाई , बहुत सुन्दर ख़यालों को सुन्दर हर्फ मिले हैं , हार्दिक बधाई ॥

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
10 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
22 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service