For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छन्न पकैया छन्न पकैया, काले धन का हल्ला ।
चोरों के सरदारों ने जो, भरा स्वीस का गल्ला ।।

छन्न पकैया छन्न पकैया, कौन जीत अब लाये ।
चोर चोर मौसेरे भाई, किसको चोर बताये ।।

छन्न पकैया छन्न पकैया, सपना बहुत दिखाये ।
दिन आयेंगे अच्छे कह कह, हमको तो भरमाये ।।

छन्न पकैया छन्न पकैया, धन का लालच छोड़ो ।
होते चार बाट चोरी धन, इससे मुख तुम मोड़ो ।।

छन्न पकैया छन्न पकैया, काले गोरे परखो ।
कालों को दो काला पानी, बात बना मत टरको ।।  टरकना-मौका से हटना
....................................
मौलिक अप्रकाशित

Views: 457

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 13, 2014 at 10:56pm

छन्न पकैया पर बढिया प्रयास हुआ है आदरणीय रमेश भाई. समसामयिक विषयों से ही छन्दों की प्रासंगिकता बनी रहेगी.

बहुत-बहुत बधाई..

Comment by रमेश कुमार चौहान on November 2, 2014 at 9:49pm

आदरणीया राजेशदी, आदरणीय भंडारीजी एगीतजी वं सोमेजी आपलोगों ने मेरे इस प्रयास को सराहा रचनाकर्म सार्थक हुआ । आप सभी का आभार

Comment by somesh kumar on November 2, 2014 at 9:14am

छन्न पकैया ,बहुत सुंदर गीत प्रस्तुति ,इतने कठिन विषय पर ,बधाई 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 1, 2014 at 9:57am

गर्म लोहे पर, सही चोट. बधाई आदरणीय रमेश जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 1, 2014 at 8:33am

आदरनीय रमेश भाई , गरम विषय पर गरम गरम छन्न पकैया के लिये बधाइयाँ ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 30, 2014 at 7:47pm

वाह वाह सामयिक मुद्दे पर सही वक़्त पर छन्न पकैया पकाई हैं आपने रमेश चौहान जी आपको छंदों पर काम करते देख बहुत ख़ुशी होती है 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी हार्दिक आभार धन्यवाद , उचित सुझाव एवं सरसी छंद की प्रशंसा के लिए। १.... व्याकरण…"
55 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द लोकतंत्र के रक्षक हम ही, देते हरदम वोट नेता ससुर की इक उधेड़बुन, कब हो लूट खसोट हम ना…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
23 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
yesterday
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service