For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मिला कंधा नहीं हमको पड़ी है लाश ठेले में

खिलाया क्यों ज़हर तुमने मिला कर हम को केले में

चली आ तू बहाने से मिलेगें आज हम दोनो
न आई तो समझ लेना फसा देगें झमेले में

न आती थी हमें नीदें कहें जब तक न गुडनाइट
किये हम रात भर बाते दिया जो फोन मेले में

पहन कर लाल जोड़ा तुम चली हो साथ क्‍याे उनके
करे हम ये दुआ रब से रहे तू तो तबेले में

सजाई मॉंग क्‍यों अपनी तड़पता छोड़ तू हमको
बहुत हम याद आयेगें रहोगी जब अकेले में

मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी

Views: 672

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 12:00pm

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीया राजेश कुमारी जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 12:00pm

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीय जितेन्‍द्र गीत जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:59am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीया सविता मिश्रा जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:59am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीया कल्‍पना रमानी जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:58am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीया मीना पाटेकर  जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:58am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीय लक्ष्‍मण दामीनी जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:57am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीय गिरिराज भंडारी  जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:57am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीय पवन कुमार जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:57am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीय विजय मिश्रा  जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:56am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीया डाक्‍टर प्राची सिंह जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
12 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
12 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
14 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Richa यादव जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई। इस्लाह से बेहतर हो जाएगी ग़ज़ल। "
18 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' ji, अच्छा प्रयास हुआ ग़ज़ल का। बधाई आपको। "
22 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Chetan Prakash ji, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। सुझावों से निखार जाएगी ग़ज़ल। बधाई। "
27 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, ख़ूब ग़ज़ल रही, बधाई आपको। "
31 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी। सादर अभिवादन स्वीकार करें। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार"
49 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Sanjay जी, अच्छा प्रयास रहा, बधाई आपको।"
52 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Aazi ji, अच्छी ग़ज़ल रही, बधाई।  सुझाव भी ख़ूब। ग़ज़ल में निखार आएगा। "
57 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकारें बाक़ी गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Mahendra Kumar ji, अच्छी ग़ज़ल रही। बधाई आपको।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service