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मिला कंधा नहीं हमको पड़ी है लाश ठेले में

खिलाया क्यों ज़हर तुमने मिला कर हम को केले में

चली आ तू बहाने से मिलेगें आज हम दोनो
न आई तो समझ लेना फसा देगें झमेले में

न आती थी हमें नीदें कहें जब तक न गुडनाइट
किये हम रात भर बाते दिया जो फोन मेले में

पहन कर लाल जोड़ा तुम चली हो साथ क्‍याे उनके
करे हम ये दुआ रब से रहे तू तो तबेले में

सजाई मॉंग क्‍यों अपनी तड़पता छोड़ तू हमको
बहुत हम याद आयेगें रहोगी जब अकेले में

मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी

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Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 12:00pm

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीया राजेश कुमारी जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 12:00pm

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीय जितेन्‍द्र गीत जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:59am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीया सविता मिश्रा जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:59am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीया कल्‍पना रमानी जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:58am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीया मीना पाटेकर  जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:58am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीय लक्ष्‍मण दामीनी जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:57am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीय गिरिराज भंडारी  जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:57am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीय पवन कुमार जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:57am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीय विजय मिश्रा  जी

Comment by Akhand Gahmari on September 7, 2014 at 11:56am

हम आपके मार्गदर्शन एवं उत्‍साहवर्धन्‍ा के सदैव आकांक्षी है मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें आदरणीया डाक्‍टर प्राची सिंह जी

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