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एक गीत अनोखा लायी हूँ...

 

HIV POSITVE KIDS 

 

जब जी चाहे तब गा लेना ,एक गीत अनोखा  लायी हूँ..

हर भाव को क्षण में जी लेना ,संगीत अनोखा लायी हूँ..
जो पीर से व्याकुल कर देगा वो दर्द अनोखा लायी हूँ..
जो नीर से आँखें भर देगा वो सत्य अनोखा लायी हूँ..

एक बाल सुलभ मुस्कान कहीं क्षण में न ओझल हो जाए ...
नन्हे हाथों से खिचे चित्र में भयावह सत्य न आजाए..
ओझल न दृष्टि से हो नन्हा वो, वर्तमान अनोखा लायी हूँ..
अपने ही बड़ों का ढ़ोते  श्राप ,भविष्य अनोखा लायी हूँ..
जो नीर से आँखें भर देगा वो सत्य  अनोखा लायी हूँ..
.
हर वक़्त दर्द का रोना रो ,हम सहानुभूति चाहते हैं..
जीवन सत्य का दर्शन कितनी गंभीरता से बतलाते हैं..
अपने ही काले सत्य को ढंकें उनका ब्योरा अनोखा लायी हूँ.
जिसने न जीवन मुख देखा ,बचपन वो अनोखा लायी हूँ..
जो पीर से व्याकुल कर देगा वो दर्द अनोखा लायी हूँ.
.
एक रोग का दंश पाया था कहीं,कैसे उसको ही याद नहीं..
उस रोग को बांटा पत्नी से ,जिसको तनिक आभास नहीं..
संतान को विरासत मृत्यु मिली,जीवन दृश्य अनोखा  लायी हूँ..
जीवन रेखा न काटो नन्हे हाथों से ,सन्देश अनोखा लायी हूँ..
हर भाव को क्षण में जी लेना ,संगीत अनोखा लायी हूँ

.जब जी चाहे तब गा लेना ,एक गीत अनोखा  लायी हूँ..
.

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Comment

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Comment by Lata R.Ojha on September 15, 2011 at 10:43am

aabhaar  Sanjay ji :)

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on September 3, 2011 at 4:06pm

अपने ही बड़ों का ढ़ोते  श्राप ,भविष्य अनोखा लायी हूँ..

सचमुच... निःशब्द करता गीत...

सादर...

Comment by Lata R.Ojha on March 7, 2011 at 11:42pm
shukria 'Shams' ji :)
Comment by Shamshad Elahee Ansari "Shams" on March 7, 2011 at 6:46am
bahut marmsparshi geet hai....badhai.
Comment by Lata R.Ojha on March 5, 2011 at 8:59am
Shukria Prabhaat ji :)
Comment by prabhat kumar roy on March 5, 2011 at 8:47am
लता ओझा ने मर्मस्पर्शी गीत रच दिया।
Comment by Lata R.Ojha on March 2, 2011 at 5:06pm
dhanyavaad Vandana ji .
Comment by Lata R.Ojha on March 1, 2011 at 7:57pm
Aabhaar Virendra ji :)
Comment by Veerendra Jain on March 1, 2011 at 7:37pm
Behad marmik rachna ke liye hardik badhai aapko.... Lata ji...
Comment by Lata R.Ojha on March 1, 2011 at 1:34am
Dhanyavaad Ashvani ji :)

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