For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रोषितपतिका  मंदिर में स्थित देवता पर फूल चढाने वाली ही  थी कि उसका आठ वर्षीय बेटा दौड़ा हुआ आया और हांफते हुए बोला  -'मम्मी , पूरे दस महीने बाद आज डैडी घर आये है i'  इतना कह्कर लड़का वापस चला गया i माँ ने झटपट पूजा संपन्न की  और घर की ओर भागी i उसके पहुचते ही बेटे ने टिप्पड़ी की  माँ आपके दोनों पैरो में अलग - अलग किस्म की चप्पले है i  माँ ने झेप कर पैरो की ओर देखा फिर  लाज की एक रेखा सी उसके चेहरेपर दौड़ गयी i पतिदेव शरारत से मुस्कराये i

Views: 960

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kanta roy on June 4, 2016 at 10:46am

 नर्म ,मुलायम-सी  लघुकथा  है  ये , बेहद  खुबसूरत !  बहुत-बहुत बधाई  आपको आदरणीय डॉ गोपाल  नारायण  जी . 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 8, 2014 at 4:58pm

अरसे बाद प्रिय मिलन की खुशी में सुधबुध खोती प्रिया की दशा को बारीकी से शब्दबद्ध किया है 

हार्दिक बधाई आ० डॉ० गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 7, 2014 at 11:48am

आदरणीय सौरभ जी

आपके दो शब्द मेरे लिए बहुत मायने रखते है  क्योंकि आपसे हमेशा कुछ सीखने को मिलता है i  सादर i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 7, 2014 at 11:46am

आदरणीय गीतिका वेदिका जी

आपका हार्दिक आभार i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 7, 2014 at 11:45am

सविता मिश्रा  जी

आपकी सराहना का आभार i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 7, 2014 at 11:44am

महनीया

आपका प्रोत्साहन पाकर मन प्रसन्न हुआ i सादर i


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 7, 2014 at 4:31am

आत्मीयता और उतावलेपन को स्वर देने का प्रयास हुआ है. प्रोषितपतिका संज्ञा हालाँकि इस कथा में सहज मेल नहीं है. यदि यह लघुकथा किसी सत्य घटना पर आधारित है, तो भी.

बाकी विद्वद्जनों ने अधिक सार्थक कहा है.

सादर

Comment by वेदिका on July 2, 2014 at 10:53am
सुन्दर कथा! हार्दिक बधाई!
Comment by savitamishra on July 2, 2014 at 10:12am

 पुनर्मिलन की  भावुकता में होश खोना ...बहुत प्यारी अतिलघु कहानी ..दो शब्दों हजार बात 

Comment by कल्पना रामानी on July 2, 2014 at 9:38am

प्रिय से मिलने की उतावली में और बातों का होश ही कहाँ रहता है, अच्छी लघुकथा के लिए आपको हार्दिक बधाई  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजेय जी नमस्कार  बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों की…"
22 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों की चर्चा…"
26 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार  बहुत अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर "
29 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय सौरभ जी  बहुत शुक्रिया आपका  आप सभी गुणीजनों की प्रतिक्रिया पर ध्यान देकर अपनी…"
35 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय  गजेंद्र जी  बहुत शुक्रिया आपका और भी बेहतरी हो सके उसका प्रयास जारी रहेगा ,…"
38 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय दयाराम जी  बहुत शुक्रिया आपका  सादर "
40 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"//ज़िन्दगी में रूठ जाए मीत अपना जब कभीतो मनाने को उसे मनुहार भी करते रहे// मतले सहित ये शेर बहुत…"
59 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय अजेय जी,  आपकी प्रस्तुति और इसके शेरों के कहन पर मेरे पहुँचने तक अच्छी-खासी चर्चा…"
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"शुक्रिया गजेन्द्र भाई जी।"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज जी"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलक राज जी, ग़ज़ल पर आने, उसे अपने बेहतरीन सुझावों से समृद्ध करने और हौसला बढ़ाने के लिए आपका…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"कोई कमी नहीं है तपस्या में, आदरणीय। अलबत्ता उत्साह के प्रवाह में युवासुलभ तीव्रता है जो ज्ञान की…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service