For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122 1122 22

ज़ोर तूफ़ान का चल जाने दो

मुझको लहरों पे निकल जाने दो

 

है मुख़ालिफ़ कि हवाओं का रूख

ठहरो कुछ देर सँभल जाने दो

 

फिर न दिल में कोई रह जाये मलाल

इक दफा दिल को मचल जाने दो

 

मोजज़ा हो न हो उम्मीदें हों                          मोजज़ा =चमत्कार

जी किसी तरह बहल जाने दो

 

आग आखिर ये बुझेगी तो ज़रूर

डर इसी आग में जल जाने दो

 

बूंद जायेगी कहाँ तक देखूँ

गिर के पत्थर पे उछल जाने दो

 

रात गहरी हुई जाती है अब

बस करो यार ग़ज़ल जाने दो

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 646

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 13, 2014 at 8:25pm

हार्दिक धन्यवाद भाईजी.. .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 13, 2014 at 8:21pm

दिखने में छोटी सी भूल दरअस्ल बहुत बड़ी गलती है मेरा ध्यान तो गया नहीं, आपसे पहले किसी ने ध्यान दिलाया नहीं, भर्म तो नही लेकिन भ्रम का वज्न मैंने 21 ले लिया है इसे कहते हैं अतिआत्मविश्वास :-((
आदरणीय सौरभ सर आपका आभार सराहना के लिये भी और इस्लाह के लिये भी l मिसरा बेबह्र है ग़लती मेरी है मैं सुधार लेता हूँ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 13, 2014 at 3:21pm

बूंद जायेगी कहाँ तक देखूँ

गिर के पत्थर पे उछल जाने दो... .  बहुत खूब !

एक अच्छी ग़ज़ल के लिए दिल से दाद कह रहे हैं हम.  लेकिन भाई शिज्जूजी, भ्रम  को भर्म कैसे पढ़ें ?
आपके मतले का उला ही मुझे भ्रम में डाल गया है कि आपने इसकी तक्तीह कैसे की है.
शुभ-शुभ



सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 3, 2014 at 3:11pm

आदरणीय सत्यनारायण जी आपका हार्दिक आभार

Comment by Satyanarayan Singh on May 3, 2014 at 1:02pm

सुन्दर एवं शानदार गजल हेतु ढेरों बधाई स्वीकार करें आदरणीय शिज्जू जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 29, 2014 at 9:04pm

आदरणीय गिरिराज सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 29, 2014 at 9:03pm

आदरणीय रमेश भाई आपका हार्दिक आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 29, 2014 at 9:02pm

आदरणीय जितेन्द्र भाई आपका तहेदिल से शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 29, 2014 at 9:01pm

आदरणीय गजेन्द्र जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 29, 2014 at 9:00pm

आदरणीय वीनस जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
17 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
19 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
21 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service