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मदिरा सवैया (महिला दिवस की अग्रिम शुभकामनाओं के साथ)

 (१ )

भारत की हम नार, बढ़ें खुद आज लिए नव छत्र चलो|

जीवन में अब हार, सहें मत ख़ार लिखें इक पत्र  चलो|

ले कर में पतवार, करें तट पार रचें नव सत्र चलो|

साथ मिला कर हाथ, सधे हर काज बने शतपत्र चलो||

 

(2)

जीवन में नित प्यार, रहे दरकार बढ़े  नव प्रीत चलो|

वर्ण मिलाकर आज, चलें इक साथ रचें इक  गीत चलो||

पाँव बढ़े इक साथ, सभी नर नार बनें सत मीत चलो|

एक नया इतिहास, लिखें हम आज मिले नव जीत चलो||

 

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 5, 2014 at 5:25pm

आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी हार्दिक आभार आपका.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 5, 2014 at 5:24pm

आदरणीय गिरिराज जी,आपकी प्रतिक्रिया से प्रस्तुति धन्य हुई दिल से आभारी हूँ.  

Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 5, 2014 at 5:10pm

आदरणीया राजेश जी ..बहुत ही शानदार छंद लिखा है आपने ..नारी उत्कर्ष और जागृति का प्रतीक ये छंद समाज के प्रति साहित्यकार के दायितवों का भी बखूबी निर्बहन कर रहे हैं  मेरी तरफ से हार्दिक बधाई के साथ ..सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 5, 2014 at 4:35pm

पाँव बढ़े इक साथ, सभी नर नार बनें सत मीत चलो|

अति आवश्यक, सुन्दर अवाहन आदरणीया सादर 

Comment by Shyam Narain Verma on March 5, 2014 at 3:00pm
वाह ! बहुत खूब | सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 5, 2014 at 2:59pm

आदरणीया राजेश जी , लाजवाब मदिरा सवैया छंद रचना हुई है , आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 5, 2014 at 1:43pm

आदरणीय सौरभ  जी, सब कुछ आप विद्वद जनो के मार्गदर्शन का ही परिणाम है, आपकी सराहना पाकर ये प्रस्तुति धन्य हुई ,हृदय तल से आभार आपका.  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 5, 2014 at 1:37pm

इस उत्कृष्ट छंद रचना के लिए हार्दिक बधाइयाँ आदरणीया राजेशजी.

सही कहूँ, तो एक अरसे बाद आपकी इतनी सधी हुई कोई छंद रचना आयी है. कथ्य ही नहीं शिल्प के अनुसार भी आपने उन्नत रचनाकर्म किया है, आदरणीया.

सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 5, 2014 at 1:28pm

विवेक झा जी, प्रस्तुति ने आपको प्रभावित किया मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभार आपका.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 5, 2014 at 1:27pm

आ० अखिलेश कृष्ण जी आपकी सराहना पाकर आश्वस्त हुई ,मेरा लिखना सार्थक हुआ हार्दिक आभार आपका.  

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