For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मदिरा सवैया (महिला दिवस की अग्रिम शुभकामनाओं के साथ)

 (१ )

भारत की हम नार, बढ़ें खुद आज लिए नव छत्र चलो|

जीवन में अब हार, सहें मत ख़ार लिखें इक पत्र  चलो|

ले कर में पतवार, करें तट पार रचें नव सत्र चलो|

साथ मिला कर हाथ, सधे हर काज बने शतपत्र चलो||

 

(2)

जीवन में नित प्यार, रहे दरकार बढ़े  नव प्रीत चलो|

वर्ण मिलाकर आज, चलें इक साथ रचें इक  गीत चलो||

पाँव बढ़े इक साथ, सभी नर नार बनें सत मीत चलो|

एक नया इतिहास, लिखें हम आज मिले नव जीत चलो||

 

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Views: 859

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 26, 2014 at 8:48pm

हार्दिक आभार आदरणीय  सौरभ जी प्रस्तुति पर आपका अनुमोदन मिला मेरा लिखना सार्थक हुआ. 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 26, 2014 at 4:14pm

वाह वाह..  आवाहन करती हुई पंक्तिाँ शिल्प के अनुशासन में हैं, आदरणीया राजेशजी. बधाई

सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 9, 2014 at 9:50am

प्रिय वंदना आपको छंद उसके भाव पसंद आये  मेरा लिखना सार्थक हुआ ,आपको भी महिला दिवस की बधाई एवं शुभकामनायें. 

Comment by Vindu Babu on March 8, 2014 at 3:36am

आदरणीया राजेश जी: छंद का कथ्य बड़ा ही उत्साह वर्धक और सुखद लगा. महिला दिवस की आपको भी ढेरों शुभकामनायें आदरणीया। सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 7, 2014 at 8:37pm

केवल प्रसाद जी हृदय से आभार आपका ,सवैये आपको पसंद आये ,लिखना सार्थक हुआ. 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 6, 2014 at 9:25pm

आ0 राजेश कुमारी जी, बहुत ही सुन्दर सवैया छंद । हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 5, 2014 at 6:17pm

आ० कल्पना मिश्रा बाजपेयी जी, आपकी प्रतिक्रिया से मेरा मन भी उत्साहित हो गया दिल से आभारी हूँ.  

Comment by kalpna mishra bajpai on March 5, 2014 at 6:06pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी आप की रचना पढ़ कर मन उत्साहित हो गया बहुत बहुत बधाई सादर !!!!!!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 5, 2014 at 5:31pm

आदरणीय डॉ० आशुतोष मिश्रा जी, इस प्रस्तुति के भाव आपको प्रभावित कर सके मेरा लिखना सार्थक हुआ इसी तरह उत्साह वर्धन करते रहें ,हार्दिक आभार आपका . 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 5, 2014 at 5:29pm

आदरणीय प्रदीप कुमार कुशवाह जी, इन सवैयों के भाव आपको पसंद आये मेरा लिखना सार्थक हुआ ,दिल से आभारी हूँ. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service