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कह मुकरियां (-रमेश चौहान)

कह मुकरियां
1.
श्‍याम रंग तुम्हरो लुभाये ।
रखू नैन मे तुझे छुपाये ।
नयनन पर छाये जस बादल ।
क्या सखि साजन ? ना सखि काजल ।

2.
मेरे सिर पर हाथ पसारे
प्रेम दिखा वह बाल सवारे ।
कभी करे ना वह तो पंगा ।
क्या सखि साजन ? ना सखि कंघा

3.
उनके वादे सारे झूठे ।
बोल बोले वह कितने मिठे ।
इसी बल पर बनते विजेता ।
क्या सखि साजन ? ना सखि नेता ।।

4.
बाहर से सदा रूखा दिखता ।
भीतर मुलायम हृदय रखता ।।
ईश्‍वर भी हो जाये कायल ।
क्या सखि साजन ? न सखि नारियल ।।

5.
हमेशा मेरे साथ रहते ।
बात सदा करने को कहते ।
उनसे बाते कर करू स्माइल ।
क्या सखि साजन ? ना मोबाइल ।।
---------------------------
मौलिक अप्रकाशित

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 5, 2014 at 1:04am

इस प्रयास के लिए बधाई. सुझावों पर ध्यान दें आदरणीय.

सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 24, 2014 at 8:53pm

कहमुकरियों पर उत्साह में आपको प्रयास करते देखना अच्छा लगा 

मात्रिकता और गेयता दोनों पर और ध्यान देने की ज़रुरत है, साथ ही मूल शब्दों को सुविधानिसार तोड़ मोड़ कर छंदों में प्रयोग नहीं करना चाहिए जैसे मिठे तुम्हरो ..आदि 

शुभकामनाएं 

Comment by बृजेश नीरज on February 20, 2014 at 7:07pm

अच्छा प्रयास है कह-मुकरियों पर भाई जी! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 19, 2014 at 10:29pm

बहुत सुंदर कह-मुकरियाँ , मन को छू गई बधाई आदरणीय रमेश जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on February 18, 2014 at 8:41pm

भाई रमेश जी कहमुकरियों पर प्रयास अच्छा है शुभकामनायें

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 18, 2014 at 4:40pm

जी "मिठे" में वर्तनीय दोष का मै अपराधी हू, क्षमा चाहता हू । यहां संशोधन की क्या प्रक्रिया है ?


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 18, 2014 at 4:21pm

आदरणीय रमेश भाई ,  श्‍याम = 3   /  रंग = 3    /तुम्हरो = 4    /लुभाये  = 5 ,     इस पंक्ति मे  मात्रा 15 हैं ,     

बोल बोले वह कितने मिठे , इस पंक्ति मे शब्द मीठे को आपने मिठे कर दिया है , शब्द को सही करने से मात्रा 17 हो जायेगी -

इसे , बात करे  वो मीठे मीठे  किया जा सकता है  या जैसा आप सोचें ॥

हाथ पसारे , इस कहावत का उपयोग भी सही अर्थों मे नही हो पाया है ,  इसका अर्थ मांगना के अर्थ मे किया जाता है , और कोई अर्थ हो तो मुझे नही मालूम , इसे भी देख लीजियेगा ॥

Comment by Sarita Bhatia on February 18, 2014 at 10:47am

सुन्दर प्रयास भाई 

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 18, 2014 at 9:58am

आदरणीय पाठकजी एवं गिरिराजजी, मनोबल बढाने के लिये सादर आभार ।

आदरणीयगिरिराजजी त्रुटि के प्रति आगाह करने के लिये सादर धन्यवाद, निवेदन यह कि मै दुबारा मात्राओं का गणना करके देखा किंतु मै त्रुटि पकड नही पाया शायद कहीं पर मुझसे चूक हो रही हो कृपया स्पष्ट कर देते तो अनुग्रह होता ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 17, 2014 at 10:44pm

आदरणीय रमेश भाई , मुकरियाँ का सुन्दर प्रयास हुआ है ,  आपको बधाई !! एक दो स्थान के मात्रा मे ग़डबड़ी है शायद , गिन के देख लीजियेगा ॥

कृपया ध्यान दे...

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