For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरा अपना गांव (रोला छंद)

मेरा अपना गांव, विश्‍व से न्यारा न्यारा ।
प्रेम मगन सब लोग, लगे हैं प्यारा प्यारा ।।
काका बाबा होय, गांव के बुजुर्ग सारे ।
हर सुख दुख में साथ, सखा बन काम सवारे ।।

अमराई के छांव, गांव के छोरा छोरी ।
खेले नाना खेल, करे सब जोरा जोरी ।।
ग्वाला छेड़े वेणु, धेनु धुन सुन रंभाती ।
मुख पर लेकर घास, उठा शिश स्नेह दिखाती ।।


मोहे पनघट नाद, सखी मिल करे ठिठोली ।
गारी देवे सास, करे बालम बरजोरी ।।
चारी चुगली खास, कथा सा सुने सुनावे ।
सभी शोर संदेश, यही से ही बगरावे ।।

गिल्ली डंडा खेल, गली में खेले बच्चे ।
झगड़े व करे मेल, सभी है मन के सच्चे ।।
बस्ता थाली हाथ, चले हैं खाने पढ़ने ।
सभी बाल गोपाल, धरे पग जीवन गढ़ने ।।

फसल पके हैं खेत, मोर सा किसान नाचे ।
राहत का ले सांस, कर्मफल अपना जांचे ।।
भरा भरा खलिहान, गांव में लक्ष्मी सोहे ।
खुशी से दमके देह, देव को मानव मोहे ।।
---------------------------
मौलिक अप्रकाशित

Views: 629

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 20, 2014 at 1:43pm

आदरणीय रमेश भाई जी गाँव की कई कई बातों को आपने सुन्दरता से रोले में समाहित किया है, सभी रोले अच्छे बने हुए हैं थोड़ी बहुत प्रवाह और शिल्प सम्बन्धी कमियां हैं जो अभ्यास करते करते दूर हो जाएँगी. इस प्रयास पर बधाई स्वीकारें.

Comment by बृजेश नीरज on January 20, 2014 at 12:06am

अच्छा प्रयास है! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 19, 2014 at 9:45am

बहुत सुंदर भाव, बधाई आदरणीय रमेश जी

Comment by annapurna bajpai on January 17, 2014 at 10:19pm

सुंदर रोला छंद हेतु बधाई स्वीकारें 

Comment by रमेश कुमार चौहान on January 17, 2014 at 8:26pm

आदरणीय गिरिराजजी एवं आदरणीया मीनाजी आपके स्नेह के लिये सादर धन्यवाद

Comment by रमेश कुमार चौहान on January 17, 2014 at 8:24pm

आदरणीय सौरभजी, आपके द्वारा छंदोत्सव हेतु प्रदत्त जानकारी के आधार पर अम्यास करने का प्रयास किया है । कुछ कमजोरी रह गई इसे दूर करने का प्रयास सतत रहेगा । इसी प्रकार आप मेरा मागदर्शन करते रहिगा । सादर धन्यवाद

Comment by Meena Pathak on January 17, 2014 at 7:55pm

फसल पके हैं खेत, मोर सा किसान नाचे ।
राहत का ले सांस, कर्मफल अपना जांचे ।।
भरा भरा खलिहान, गांव में लक्ष्मी सोहे ।
खुशी से दमके देह, देव को मानव मोहे ।।............... बहुत सुन्दर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 17, 2014 at 12:33pm

आदरणीय रमेश भाई , रोला छंद की सुन्दर रचना हुई है , आपको बधाइयाँ ॥ आदरणीय सौरभ भाई की सलाह पर ज़रूर ध्यान दें ॥


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 17, 2014 at 12:28am

रमेश भाईजी, एक सार्थक और गंभीर कोशिश के लिए हार्दिक बधाई. एक दो पंक्तियाँ अभी आपसे समय चाहती थीं लेकिन आपने अच्छा अभ्यास किया है.

उदाहरण लें :  झगड़े व करे मेल, सभी है मन के सच्चे  को करते झगड़े-मेल, किन्तु सब मन के सच्चे क्यों न किया जाय ?

रचनाकर्म के क्रम में आपको स्वयं ही भान हुआ होगा कौन सी पंक्ति असहज हुई रह गयी है, एक बार उन्हें फिर से देख लें.

शुभेच्छाएँ.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
20 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Sep 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service