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दोहे : शुभ-नूतन की बाट // -सौरभ

प्रतिपल नव की कल्पना, पल-व्यतीत आधार  
सामासिक दृढ़ भाव ले,  आह्लादित संसार  

सिद्धि प्रदायक वर्ष नव : धर्म-कर्म-शुभ-अर्थ
मंशा कुत्सित दानवी, लब्धसिद्धि हित व्यर्थ

शाश्वत मनस स्वभाव से नूतन नवल स्वरूप
खेल रही मृदु ओस में खिलखिल करती धूप  

आओ मिलजुल तय करें, हमसब निज संसार
स्वीकारें उत्साह पल, जीयें मधुमय प्यार   

आँखें : उम्मीदें तरल, आँखें : कठिन यथार्थ
आँखें : संबल कृष्ण-सी, आँखें : मन से पार्थ

इच्छा आशा औ’ व्यथा, भाव-भावना रूप
फिरभी कुहरे में निकल, पुलक किलकती धूप  
*************

-सौरभ

(मौलिक और अप्रकाशित)

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:34pm

आदरणीया कुन्तीजी, आपके उत्फुल्ल अनुमोदन ने मेरे रचनाकर्म को मनोनुकूल मान दिया है. मैं आपकी संवेदनशीलता के प्रति हृदय से आभार प्रगट करत होँ.
सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:34pm

भाई आशीषजी, आपको मेरे दोहे सार्थक लगे इसके लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:33pm

नादिर भाईजी, आपका विश्वास और मेरे प्रति सम्मान सदा-सदा बना रहे इसके प्रति मैं भरसक आग्रही रहूँगा.

प्रस्तुति को मान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:33pm

बहुत-बहुत धन्यवाद भाई शिज्जूजी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:33pm

अनुपम दोहों के लिए ,श्रीमन का आभार
अविरल यूँ बहती रहे,अनुपम रसमय धार!!
इस बहुत ही सटीक और मनभावन प्रतिक्रिया दोहा के लिए लिए मैं हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ, भाई रामशिरोमणि.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:32pm

भाई गणेशजी, रचना प्रस्तुति पर आपसे मिला समर्थन और इन छंद-रचनाओं को मिला अनुमोदन मेरे लिए विशिष्ट है.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:32pm

भाई रमेशजी, आपका प्रतिक्रिया छंद मनभावन लगा. मैं इस प्रशंसा को हृदय से स्वीकार करता हूँ.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:32pm

बहुत-बहुत धन्यवाद, महिमा श्री. बहुत अच्छा लगा इन दोहों पर आपका उत्फुल्ल समर्थन.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:32pm

भाई बृजेशजी, आपने जिस तरह से इस प्रस्तुति को समर्थन दिया है, वह आपकी भावुकता और आत्मीयता का सुन्दर परिचय देता है. इस समर्थन के लिए मेरा हृदय वस्तुतः अभिभूत है.
शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 2, 2014 at 11:32pm

आदरणीया कल्पनाजी, आपने इन दोहों को अनुमोदन कर मेरे कहे को मान दिया है. इनकी प्रस्तुति रुचिकर लगी यह सुनकर मुझे भी संतोष हुआ है.
सादर

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