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!!! नित धर्म सुग्रन्थ रचे तप से !!!

!!! नित धर्म सुग्रन्थ रचे तप से !!!
दुर्मिल सवैया - (आठ सगण-112)

तन श्वेत सुवस्त्र सजे संवरें, शिख केश सुगंध सुतैल लसे।
कटि भाल सुचन्दन लेप रहे, रज केसर मस्तक भान हसे।।
हर कर्म कुकर्म करे निश में, दिन में अबला पर ज्ञान कसे।
नित धर्म सुग्रन्थ रचे तप से, मन से अति नीच सुयोग डसे।।

के0पी0सत्यम-मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 10, 2013 at 11:38am

आ0 नारायण भाई जी, सादर प्रणाम! जी आपने बिलकुल सही कहा है।  वास्तव में अभी इसे और मांजना है।  आपको धन्यवाद सहित आभार। सादर

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 8, 2013 at 10:16am

Antim pankti ka purv se tartamya banane mein kuch adhik prayas apechit tha jo ap kar sakte the. Chand rachna mein jaldi compromise na karein . is akavita  ke yug mein  varnik chand ki racna ka prayas shalaghneeya  ha .

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 5, 2013 at 6:10pm

आ0  विजय सर जी,   सादर प्रणाम!  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by vijay nikore on November 3, 2013 at 3:05pm

सुन्दर छंद के लिए बधाई,आदरणीय केवल जी।

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 29, 2013 at 11:06am

आ0 प्रदीप भार्इ जी,  सर जी का प्रश्न था.....डसे...डंसे व हसे....हंसे.....शायद अब आपके समझ में आया हो। आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by Pradeep Kumar Shukla on October 28, 2013 at 4:25pm

waah ... bahut sundar chhand ... badhai ... Saurabh Pandey ji ne prashn kiya hai wahi mera bhi hai

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 25, 2013 at 8:18pm

आ0 सुशील भार्इ जी,  छन्द पर विशेष स्नेह और उत्साहवर्धन करने हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 25, 2013 at 8:18pm

आ0 गीतिका  जी,  छन्द पर विशेष स्नेह और उत्साहवर्धन करने हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 8:36pm

वाह वाह.... बहुत ही सुंदर प्रहार किया है आ0 केवल भाई जी...... बधाई हो इस सवैया हेतु......

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 24, 2013 at 9:07am

आ0 जितेन्द्र भार्इ जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से आभार।  सादर,

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