कैसी हो तुम?
वैसी ही शांत, संयमित और अपने को सहेजते हुए I
भाग्यशाली है वह,
जो तुम्हारे साथ है
और सुन सकता है
तुम्हारे मौन द्वारा पुकारे उसके नाम को I
भाग्यशाली है वो हवा,
जो अभी बहुत हल्के से
किरणों के बावजूद तुम्हे छूकर गई है I
भाग्यशाली है वो जल,
जो छोड़े जाने से पूर्व
तुम्हारी अंजलि में कुछ देर रुककर
तुम्हारे हाथों का स्पर्श पाता है I
भाग्यशाली हैं वो कभी कभी कहे गये शब्द
जो तुम्हारे अधरों से
अमृतपान करते हैं I
काश !
उस हवा, जल और शब्दों में
कहीं मेरा भी कुछ अंश होता...
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