Comment
Aapke dwara rachit kavita padh kar kakcha 9-10 ki wo kavitaye yaad aa gai jinki rachna desh ke agraz kaviyo athwa kavitriyo ne kiya hai.Muzhe aapki kavita unse kisi mayne mein kam nahi lagi,maaf kijiyega main tulna nahi karna cjahata, balki aapki kavita padhne ke uprant barbas ye soch mere man mein aayi|
Bahut Bahut Dhanyabad,
Bijay Pathak
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