For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मंगल मूरत गणपति देवा//गज़ल//-कल्पना रामानी

 

 देवों में जो पूज्य प्रथम है, सबके शीघ्र सँवारे काम।

मंगल मूरत गणपति देवा, है वो पावन प्यारा नाम।

 

भक्ति भरा हर मन हो जाता, भादों शुक्ल चतुर्थी पर,

सुंदर सौम्य सजी प्रतिमा से, हर घर बन जाता है धाम।

 

भोग लगाकर पूजा होती, व्रत उपवास किए जाते,

गणपति जी की गाई जाती, आरति मन से सुबहो शाम।

 

चल पड़ती  जब सजकर झाँकी, ढ़ोल मँजीरे साथ लिए,

झूम उठता यौवन मस्ती में, और सड़क पर लगता जाम।

 

फिर फिर से हर साल विराजें, देव यही अभिलाषा है,

विनती हो स्वीकार हमारी, करते  बारम्बार  प्रणाम।

 

मौलिक व अप्रकाशित

 

कल्पना रामानी  

Views: 659

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कल्पना रामानी on September 15, 2013 at 3:55pm

आदरणीय अरुण अनंत जी, सुंदर टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद

Comment by कल्पना रामानी on September 15, 2013 at 3:55pm

आदरणीय प्राची जी, रचना पर आपकी उपस्थिती से बहुत हर्ष हुआ। हार्दिक धन्यवाद आपका

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 11, 2013 at 11:16pm

वाह आदरणीया वाह आनंद आ गया कितनी सुन्दर सरस हृदयस्पर्शी ग़ज़ल कही है आपने दिल से दाद कुबूल फरमाएं.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 11, 2013 at 4:58pm

गणपति को समर्पित बहुत खूबसूरत गज़ल 

हार्दिक बधाई आदरनीया कल्पना रामानी जी 

Comment by कल्पना रामानी on September 10, 2013 at 10:05pm

आदरणीय मित्रों, केवलप्रसाद जी, जवाहरलालजी,गिरिराज जी,विजयश्री जी, वंदना जी, विजय मिश्र जी आप सबका सुंदर टिप्पणियों के लिए हार्दिक धन्यवाद।

सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 10, 2013 at 9:36pm

आ0 रामानी जी,  वाह! वाह! बेहतरीन गजल।  ढेरो बधाईयां स्वीकारें।  सादर,   

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on September 10, 2013 at 8:29pm

जय जय जय श्री गणपति देवा . गणेश चतुर्थी की अनेक शुभकामनाएँ! विघ्नहर्ता हम सबका कल्याण करें!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 10, 2013 at 6:35pm

वाह वाह !! क्या बात है !! आदरणीया कल्पना जी , सुन्दर सामयिक रचना केलिये बधाई !

Comment by विजय मिश्र on September 10, 2013 at 6:28pm
जय जय जय श्री गणपति देवा . गणेश चतुर्थी की अनेक शुभकामनाएँ ,मंगलमूर्ति द्वार बिराजें सफल करें सब काज | सुंदर वन्दना हेतु साधुवाद .
Comment by vandana on September 10, 2013 at 6:35am

फिर फिर से हर साल विराजें, देव यही अभिलाषा है,

विनती हो स्वीकार हमारी, करते शत-शत बार प्रणाम।

बहुत ही सुन्दर भाव आदरणीया कल्पना मैम

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर  होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर ।उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service