For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 

221 2121 1221 212

बेख़ौफ़ सारी उम्र निकल जाये इस तरह

गिरने की बात हो न, संभल जाए इस तरह

 

तूफ़ान भी चले तो चरागा जला करे

दोनों ही अपनी राह बदल जाए इस तरह

 

हर सिम्त जिंदगी रहे, पुरजोश  बारहां

जो मौत का भी होश,बदल जाए इस तरह

 

फैले कहीं जो बाहें तो बच्चों सा दौड़कर

मिलने को हर इक शख्स मचल जाए इस तरह

 

आंसू किसी की आँखों का, हर आँख  से बहे 

इस शहर की फ़ज़ा भी बदल जाये इस तरह  

                    मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 623

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 12, 2013 at 6:18pm

इसे दूसरी तरह से कह कर देखा है, आ. वीनस भाई , कृपया देखें

221 2121 1221 212

जो बोलने से पहले संभल जाए दोस्तों

दुश्मन रहे न यार बदल जाए दोस्तों

 

फैले कहीं जो बाहें तो बच्चों सा दौड़कर     

मिलने को हर इक शख्स मचल जाए दोस्तों 

 

जैसे झुकी सी शाख, सर उठा के फिर तनी

ठोकर का इल्म हो न, संभल जाए दोस्तों 

 

आंसू किसी का देखके,हो आँखें नम जहाँ     

इस शहर की फ़ज़ा यूँ बदल जाए दोस्तों

 

तूफ़ान भी जो आये, चरागों का जश्न हो  

हर कोई अपनी राह निकल जाए दोस्तों

 

हर सिम्त जिंदगी रहे, पुरजोश इस तरह 

जो मौत का इरादा ,बदल जाए दोस्तों

Comment by वीनस केसरी on July 11, 2013 at 1:53am

वाह वा डॉ साहब बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है

देर से आ पाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ
अगली ग़ज़ल का इंतज़ार रहेगा


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 9, 2013 at 9:26pm

आदरणीय ललित जी बस काफिया की पुनरावृत्ति खल रही है ,वैसे अशआर सभी पसंद आये दाद कबूल कीजिये 

Comment by राजेश 'मृदु' on July 9, 2013 at 6:29pm

बेहतरीन लिखा है आपने आदरणीय, काफी दमदार प्रस्‍तुति, सादर

Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 8, 2013 at 10:11pm
Comment by वेदिका on July 8, 2013 at 6:47pm

बहुत खूब गजल पेश की 

बधाई आदरणीय ललित जी!

Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 8, 2013 at 6:38pm

 Neeraj Mishra,बसंत नेमा जी,

शुक्रिया आदरणीय 

सादर 
Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 8, 2013 at 6:35pm

आदरणीयJitendra Pastariya जी,

शुक्रिया आदरणीय पस्तारिया  जी,

सादर 
Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 8, 2013 at 6:32pm

बेख़ौफ़ सारी उम्र निकल जाये इस तरह

गिरने का इल्म हो न, संभल जाए इस तरह

 

Comment by Neeraj Nishchal on July 8, 2013 at 4:50pm

bahut khoobsurat

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service