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तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया

शादी की प्रथम सालगिरह की पूर्व संध्या में अपनी जीवन संगिनी को समर्पित एक रचना

शाम सुहानी रात दीवानी दिवस एक लाया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया

मन में अंतर्द्वंद बहुत था कैसा होगा वो
सपने देखे जैसे मैंने वैसा होगा वो
या नाज़ुक सुंदर फूलों के जैसा होगा वो
छुईमुई सा शरमाएगा क्या ऐसा होगा वो

तभी सामने इक सुंदर सा चाँद निकल आया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया

हाथ में सुन्दर वरमाला औ तुम थी सकुचाई
धीरे धीरे पग रख रख के पास में तुम आई
मन उपवन में एक कलि खिल खिल के मुस्काई
फिर वरमाला एक दूजे को हमने पहनाई

तन्हाई का पुष्प बेचारा पल में कुम्हलाया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया

आस और विश्वास भरे बस प्रीत बढ़ाना है
अग्नि के सातों फेरों का वचन निभाना है
ढोल बजे आतिशबाजी का दृश्य सुहाना है
शहनाई ने छेड़ रखा एक मधुर तराना है

झिलमिल करता चाँद सितारों से मंडप छाया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया

तुम मेरे दिल में बसते हो मैं तेरे दिल में
हम तुम हो कर पहुँच गए हैं हम तो मंजिल में
मैं दरिया हूँ बहता कलकल औ सागर हो तुम
तुमसे मिल के ये दरिया हो जाता है फिर गुम

आकर तुमने मेरा ये घर आँगन महकाया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया

रूह मेरी हो तुम मेरे तन मन में बसती हो
साँसे बनकर मेरे दिल के साथ धड़कती हो
कभी कभी शोलों के जैसे आप भड़कती हो
मगर एक पल बाद लिपट के खूब सिसकती हो

विषम परिस्थिति में खुश रहना तुमने सिखलाया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया

इतनी चिंता करती हो तुम मेरे खाने की
राह ताकती हो फिर मेरे लौट के आने की
आस रखूं हर जन्म में केवल तुमको पाने की
हर पल जीवन भर ये सुन्दर साथ निभाने की

कैसे बीता साल साथ ये समझ नहीं आया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया

संदीप पटेल “दीप”

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मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 13, 2013 at 4:39pm
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 13, 2013 at 4:29pm

तन्हाई का पुष्प बेचारा पल में कुम्हलाया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया-  बहुत सुन्दर शादी कि प्रथम वर्ष गाँठ पर ढेरों बधाइयां स्वीकारे भाई संदीप कुमार पटेल जी 

तन्हाई का पुष्प फिर कभी नहीं खिल पाए,

प्रभु करे अब आँगन में कलियाँ खिल जाए | 

दीप जले, मन मंदिर अरु  घर  रोशन हो जाए 

 जीवन साथी संग में अपनी बगिया महकाए | 

Comment by Shyam Narain Verma on April 13, 2013 at 4:06pm

 बहुत-बहुत बधाई एवं मंगलकामनाएं|

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 13, 2013 at 8:51am

आ0 संदीप कुमार पटेल जी, सुप्रभात! अतिसुन्दर रचना, आपको वैवाहिक जीवन के प्रथम वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई और बहुत सारी शुभकामनाएं। सादर,

Comment by vijay nikore on April 13, 2013 at 12:05am

प्रिय संदीप जी:

 

//तभी सामने इक सुंदर सा चाँद निकल आया
तुमको पाया मानो मैंने नया जन्म पाया//

 

अति सुन्दर और मनमोहक भाव हैं ...  वाह, वाह, क्या कहने।

 

हार्दिक बधाई आप दोनों को .. ऐसे ही सदैव प्रसन्न रहें।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by बृजेश नीरज on April 12, 2013 at 11:40pm

संदीप भाई शादी की प्रथम वर्षगांठ की ढेरों शुभकामनाएं!  बंध दिनों दिन मजबूत होता जाए और प्रेम की गागर और और छलकती जाए।

Comment by coontee mukerji on April 12, 2013 at 11:26pm

 संदीप जी ,  शादी की प्रथम सालगिरह पर इससे अच्छा उपहार एक पत्नि के लिये और क्या हो सकता है.आपके जीवन में सदा प्रेमपुष्पों की बरसात होती रहे .मंगल कामनाएं सहित .सादर - कुंती

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 12, 2013 at 10:25pm

आदरणीय अशोक जी सादर 

इस बधाई और शुभकामनाओं हेतु आपको बहुत बहुत आभार 

स्नेह बनाये रखिये 

Comment by अशोक कत्याल "अश्क" on April 12, 2013 at 10:11pm

सुंदर काव्यात्मक चित्रण ,
आपको आपके विवाह की प्रथम वर्षगाँठ
पर हार्दिक बधाई ,
ईश्वर आपको सुख , वैभव एवम् ऐश्वर्य प्रदान करे ,

कृपया ध्यान दे...

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