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सेना दिवस 
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धन्य  धरा भारत की जहाँ पग पग लगते मेले 

 उड़े अबीर गुलाल  हवा में  सब मिल गोद खेले
तिहुँ ओर घिरी  जल  से धरती  हिमालय बना  प्रहरी 
सूरज सबसे पहले उग कर  बिखेरे छटा सुनहरी 
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब भाई चारा निभाते 
होली ईद हो या दिवाली संग   मिल पर्व मनाते
सुखदेव सुभाष  भगत सिंह वीर अमर बलिदानी
रिक्त नहीं धरती वीरों से बच्चा बच्चा दे कुर्बानी
बलिदानी वीरों को सब जन श्रद्धा सुमन चढायें
भूलें  न कभी भी  उनको मिल सेना दिवस मनायें 
----------------------------------------------------
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा 
१४-१-२०१३     
 
 

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Comment

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 15, 2013 at 7:20pm
बहुत सुन्दर सेना दिवस पर सच्ची बात जुबाँ पर आई बच्चा बच्चा दे क़ुरबानी 
काश हमारे सैनिको और जनता के जज्बे को समझ प्रशासन राजनीति मंच पर 
साक्षेप ही सोच रख कार्यवाही करे । बहुत बधाई श्री प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी 
Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on January 15, 2013 at 3:50pm

  वाह वाह  क्या बात  है प्रदीप सर जी बधाई हो

Comment by ram shiromani pathak on January 15, 2013 at 3:46pm

बहोत  खूब   प्रदीप जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 14, 2013 at 11:24pm
सुखदेव सुभाष  भगत सिंह वीर अमर बलिदानी
रिक्त नहीं धरती वीरों से बच्चा बच्चा दे कुर्बानी
आपकी ओजस्विता सटीक निहितार्थ के साथ संप्रेषित हो, आदरणीय. 
बधाई
Comment by Albela Khatri on January 14, 2013 at 10:13pm

वाह वाह कुशवाहा जी ...बहुत खूब !

Comment by Ashok Kumar Raktale on January 14, 2013 at 10:10pm

बलिदानी वीरों को सब जन श्रद्धा सुमन चढाएं.

भूलें ना कभी भी उनको मिल सेना दिवस मनाएं.

सुन्दर रचना आदरणीय प्रदीपजी सादर.

मानव प्राण बचाए घुट घुट जीने का क्या अर्थ,

सबक शहीदों से सीखो बलिदान न होता व्यर्थ.

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