For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आप दूध के धुले है

आप दूध के धुले है

आम सभा में बक्ता बोल रहा था
.भ्रष्टाचार की परते खोल रहा था .
प्रजातंत्र पर कर रहा था तीखे प्रहार
आक्रोश दिखा रहा था बारम्बार
.नेताओ पर जहर उगल रहा था
समीप खड़े नेता को खल रहा था
बार बार लगा रहा था एक ही अलाप
.नेता जी का सब्र दे गया जबाब .
चढ़ मंच पर बक्ता का थामा गिरेबान
क्यों कर रहा है तू .हमारा अपमान
बक्ता ने अक्ल लगाई
.नेता जी से जान बचाई
.बोला मेरा आशय .भ्रष्ट लोगो से हे
.आप नाहक हंगामा करने पर तुले हे
 आप खुद पर न ले .आप तो दूध के धुले है

DR.Ajay Khare Aahat








Views: 480

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 12, 2012 at 12:49pm

कविता के पंक्तियों के शब्द प्रवाह ने पूरा सजीव चित्र उकेर दिया आखों के सामने, बहुत खूब व्यंग.

Comment by Dr.Ajay Khare on December 12, 2012 at 11:47am

aap sabhi ko hosla afjai ke liye sadhubad

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on December 12, 2012 at 4:17am

आदरणीय डॉ. अजय, नमस्कार!

बहुत ही सुन्दर कविता! उल्लेखनीय पंक्तियाँ - बोला मेरा आशय .भ्रष्ट लोगो से हे
.आप नाहक हंगामा करने पर तुले हे
 आप खुद पर न ले .आप तो दूध के धुले है.... बहुत खूब!

Comment by वीनस केसरी on December 12, 2012 at 1:54am

जय हो भाई
क्या खूब भिगो के मारा है :)))))))))))

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on December 11, 2012 at 5:45pm

 वाह वाह क्या बात है सुन्दर कटाक्ष किया है एक दम दुरुस्त आप तो दूध के धुले है 
बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय अजय जी

Comment by Dr.Ajay Khare on December 11, 2012 at 2:20pm

rajesh ji Sadhubaad

Comment by राजेश 'मृदु' on December 11, 2012 at 1:43pm

वाह जी बढि़या लिखा है

Comment by Dr.Ajay Khare on December 11, 2012 at 1:37pm

Pradeep ji rukhi sukhi miley bas isi me bhalai desh ke thekedaar bas kha rahe malai 

Comment by Dr.Ajay Khare on December 11, 2012 at 1:35pm

Manniya Pradeep ji hosla Afjai ke liye sadhubaad

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on December 11, 2012 at 1:10pm

सुन्दर रचना 

स्वीकारें बधाई 

इससे पहले बताएं 

कहाः गयी मलाई 

सादर  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाशजी  दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । छंद पर आपका प्रयास सराहनीय…"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । खिल उठता है बुझा हुआ मन, आते जब…"
4 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी चित्रानुकूल बहुत सुन्दर छंद सृजन। हार्दिक बधाई "
4 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह...दीपोत्सव के हर आयाम को समेट लिया है आपके इस गीत ने।अंतिम छंद का भाव बहुत सार्थक। हार्दिक बधाई…"
4 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी एस टी का जिक्र रोचक बन पड़ा है। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
4 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । सरसी छंद की बीस पंक्तियों के लिए…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ हर बरस हर नगर में होता, अरबों का व्यापार।         …"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  ______ जगमग दीपों वाला उत्सव,उत्साहित बाजार। जेब सोच में पड़ी हुई है,कैसे पाऊँ…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"चार पदों का छंद अनोखा, और चरण हैं आठ  चौपाई औ’ दोहा की है, मिली जुली यह ठाठ  विषम…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * बम बन्दूकें और तमंचे, बिना छिड़े ही वार। आए  लेने  नन्हे-मुन्ने,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" प्रात: वंदन,  आदरणीय  !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service