For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जो हमें बरसों से हरदम चीट ही करते रहे

जो हमें बरसों से हरदम चीट ही करते रहे

मसअले दर मसअले वो ट्वीट ही करते रहे

 

खर्च करने के लिए इमदाद में आई रकम

पंचतारा होटलों में मीट ही करते रहे

 

जो हमें समझा किये कीड़े मकोडों की तरह

हम खुदा की तरह उनको ट्रीट ही करते रहे

 

नाम उनका हर दफे ही लिस्ट से गायब रहा

साल के दर साल वो कम्प्टीट ही करते रहे

 

हमने आपस में जिसे था कब का ही सुलझा लिया

वो उसी मुद्दे को हरदम हीट ही करते रहे

 

Views: 518

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 3, 2012 at 10:12pm

वाह आदरणीय राणा  प्रताप जी हिंदी, उर्दू ,इंग्लिश तीनो भाषाओं का संगम देखने को मिल रहा है ग़ज़ल में रोचक प्रयोग दाद कबूल कीजिये इस पीस के लिए |

Comment by रविकर on December 3, 2012 at 8:50pm

खुबसूरत प्रस्तुति के लिए -
आभार आदरणीय |

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on December 3, 2012 at 4:19pm

राणा भाई नमस्कार ...यार बेहद खूबसूरत ढंग से आपने अंगेजी काफ़ियों का इस्तेमाल किया है....हर एक शेर लाजवाब । नाव प्रयोग के लिए आपको बहुत बहुत मुबारकबाद ! दिली दाद कुबूल करें !

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on December 3, 2012 at 8:11am

बहुत दमदार गज़ल, इस शेर के लिए विशेष दाद कबूलें आदरणीय राणा जी,

जो हमें समझा किये कीड़े मकोडों की तरह

हम खुदा की तरह उनको ट्रीट ही करते रहे

Comment by वीनस केसरी on December 2, 2012 at 11:54pm

बहुत खूब राणा भाई इस ग़ज़ल को आपसे साक्षात सुनने का सुनहरा मौका गंवाने का सख्त अफ़सोस है
अगली बार जरूर सुनेगे

शानदार ग़ज़ल और विशेष तौर पर कवाफी के सुन्दर निर्वहन के लिए विशेष बधाई स्वीकार करें

Comment by UMASHANKER MISHRA on December 2, 2012 at 10:31pm

वाह शायरी में बेहेतारिन अंदाज में अंग्रेजी का प्रयोग किया है हर शेर मजेदार है 

जो हमें समझा किये कीड़े मकोडों की तरह

हम खुदा की तरह उनको ट्रीट ही करते रहे.....एक दम सटीक है

हम जिन्हें खुदा की तरह मानते है वो हमें कीड़े मकोड़े की तरह ....समझते है

मजा आगया आदरणीय

बधाई ही बधाई  

 

 

 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 2, 2012 at 2:24pm
बेहतरीन गजल लगी बधाई  
चमचो से सदा घिरे रहे कानो के कच्चे रहे 
हमें तो हर बात पर चार्जशीट ही करते रहे ।
Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on December 2, 2012 at 12:51pm
खर्च करने के लिए इमदाद में आई रकम

पंचतारा होटलों में मीट ही करते रहे
नए अंदाज़ में अंग्रेज़ी कवाफ़ी से सजी बेहतरीन प्रेरणास्पद ग़ज़ल भाई राणा जी! बधाईयां..
Comment by अरुन 'अनन्त' on December 2, 2012 at 11:39am

आज के हालात को बयां करती बेहतरीन ग़ज़ल

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
3 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
19 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
19 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
20 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service