For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

करवा चौथ -एक सत्य कथा (हास्य व्यंग) लघु कथा

करवा चौथ -एक सत्य कथा (हास्य व्यंग) लघु कथा 

पेशे से इंजिनियर शौकिया होम्योपथी डाक्टर वर्मा जी हम लोग प्रतिदिन रेल से साथ - साथ कार्यालय आते जाते थे.वे  बहुत हंसमुख और जवान दिल इंसान थे. शरीर ऐसा कि फूँक मार  दो तो दूसरे शहर  में जा गिरें. पान के हम दोनों शौकीन थे सो वे भी पान लगवाकर लाते थे और बड़ी प्रसन्नता के साथ हमें भी खिलाते. 
एक दिन वे बोले भाई शर्मा जी आज ये पान आप रख लो. मैं कार्यालय जाकर तुरंत बस से वापस लौट आऊंगा . मैने पूछा भाई क्या बात है जो जल्दी घर वापस जा रहे हैं. खैरियत  तो है.शर्मा जी आपको पता नहीं कि आज करवा चौथ है. घर जाकर सारी तैयारी  करनी है. आपकी भाभी के लिए साडी और कोई छोटा मोटा जेवर  आदि भी तो लेना  है. वर्मा जी आप भी कमाल करते हो. चाँद तो रात में निकलता है. और दो वाली ट्रेन से मैं भी लौटूंगा जब एम्.एस.टी है तो अनावश्यक बस का पैसा क्यों दिया जाए. मुझे भी तो करवा मनाना  है. वर्मा जी को सोच में पड़ते देख मैने धीरे से चुटकी ली, भाई वर्मा जी आपका अपनी पत्नी के प्रति अगाध स्नेह देख मन अति प्रसन्न हुआ पर ये बताओ की साडी, जेवर, मिठाई पर पैसा आप खर्च करोगे पर जब वे चलनी से चाँद  को घूँघट की आड़ से निहारेंगी तो इस बात की क्या गारंटी है की अगले सात जन्म हेतु आपका ही साथ मांग रही हों?
शर्मा जी ठीक है मै आपके साथ दो बजे की ट्रेन से वापस लौटूंगा. 

Views: 1870

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on November 3, 2012 at 3:46pm

आदरणीय बड़े भाई, लक्ष्मण  जी सादर अभिवादन. 

अब गलती नहीं करूँगा.

आभार स्नेह प्रदान करने हेतु. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on November 3, 2012 at 3:44pm

आदरणीय गुरुदेव सौरभ जी, 

सादर अभिवादन.

आपका आशीर्वाद और स्नेह जिसे प्राप्त हो, कोयला होने पर भी भी हीरा  दीखता है. 

आभार प्रोत्साहन हेतु. 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 2, 2012 at 11:38am

सुन्दर और हास्य की सामयिक लागु कथा के लिए बधाई भाई प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी. पर शर्मा ने खुद के साथ साथ वर्मा जी को भी पत्नी को खुश करने के लिए उपहार लाने से रोककर अच्छा नहीं किया | 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 2, 2012 at 10:58am

//शर्मा जी ठीक है मै आपके साथ दो बजे की ट्रेन से वापस लौटूंगा //

हा हा हा हा .. !

आदरणीय प्रदीपभाईजी, आपकी चुटीली लघु-कथाएँ आपके रचनाकर्म को एक अलग ही प्रभाव दे रही हैं. आपका यह शानदार स्वरूप मुझे चकित तो अवश्य कर रहा है किन्तु मेरे लिये ही नहीं इस मंच के लिये भी अति प्रसन्नतादायी और संतुष्टिकारक है.

इस लघु-कथा के लिये हृदय से साधुवाद और हार्दिक शुभकामनाएँ व बधाइयाँ .. .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
57 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी आदरणीय यही कि जिस मुक़द्दमे का इतना चर्चा था उसमें हारने वाले को सज़ा क्या हुई उसका भी चर्चा…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। सुझावों के बाद यह और बेहतर हो गयी है। हार्दिक बधाई…"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"वक़्त बदला 2122 बिका ईमाँ 12 22 × यहाँ 12 चाहिए  चेतन 22"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service