For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

देश में हिंदी लाओ !

हिंदी दिवस मना रहे, अंग्रेजी की खान/
कैसे हो हिंदी भला, मिले इसे सम्मान//
मिले इसे सम्मान,ज्ञान का कोष अनूठा/
हर जिव्हा पर आज,शब्द परदेशी बैठा//
कह अशोक सुन बात,भाल पर जैसे बिंदी/
करो सुशोभित आज, देश की भाषा हिंदी//


लाओ फिरसे खोज कर,हिंदी के वह संत/
जिनसे थी प्रख्यात ये,चुभे विदेशी दंत//
चुभे  विदेशी   दंत,  बहा  दो   हिंदी गंगा/
करते जो बदनाम, करो अब उनको नंगा//
कह अशोक यह बात, दासता दूर भगाओ/
करो विदेशी दूर, देश में हिंदी लाओ//

Views: 637

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 12, 2012 at 8:20pm

हिंदी के सम्मान में लिखी गई एक सुन्दर रचना के लिये बधाई स्वीकारें आदरणीय रक्ताले सर........

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 12, 2012 at 8:17pm

धन्यवाद आद. रेखा जी.

Comment by Rekha Joshi on September 12, 2012 at 5:27pm

हिंदी के प्रति अति सुंदर भाव कुंडलिया छंद में ,हार्दिक बधाई अशोक जी 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on September 12, 2012 at 1:50pm

धन्यवाद आदरणीय भाई अशोक जी !

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 12, 2012 at 1:48pm

आदरणीय संदीप जी

                     सादर, छंद के भाव सराहने के लिए आपका आभार.

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 12, 2012 at 1:47pm

आदरेया सीमा जी

                 सादर, आपकी शुभेच्छाओं के लिए धन्यवाद. हाँ मै शीघ्र ही  आदरणीय अम्बरीश जी द्वारा सुझाई त्रुटियों को छंदों  हटाने का प्रयास करूंगा.

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 12, 2012 at 1:42pm

आदरणीय अम्बरीश जी

                     सादर प्रणाम, अंग्रेजी की मात्राएँ ठीक से समझ ना आने से त्रुटी हो गयी है. कहा ही जाता है किसी भी बुराई करो तो ठोकर लगाती ही है. मै मात्राओं को सीखने का प्रयास कर रहा हूँ. ढूंड अंग्रेजी से हिंदी में बदलने में आ रही परेशानी के कारण हुआ है.मैंने आम बोलचाल में चल जाता है इसलिए लिख दिया था अवश्य ही यह मेरी भूल थी.

'लगाओ उनको डंडा' यह मेरी बदली हुई पंक्ति है पहले लगभग वही पंक्ति थी जो आपने सुझाई है. किन्तु आप गुरुजन इसे उचित ना माने इसलिए  मैंने इसे बदल दिया था.

                         आपका दोनों ही कुण्डलिया छंदों पर विश्लेषण कर सुझाव देने के लिए आपका हार्दिक आभार. मै अवश्य ही इसे सुधार कर इन छन्दों को पुनः  प्रस्तुत करूंगा. आपका पुनः आभार. आपका स्नेहिल आशीष अवश्य ही मेरे लेखन में सुधार लाएगा.

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 12, 2012 at 1:25pm

डॉ. प्राची जी

              सादर, आपको कुण्डलिया छंद के भाव ठीक लगे जानकार प्रसन्नता हुई. हाँ मात्रिक त्रुटियों पर ध्यान देने पर भी हो ही जाती हैं. मै प्रयत्नशील हूँ इस प्रमुख गलती को सुधारने के लिए.अवगत कराने के लिए. धन्यवाद.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on September 12, 2012 at 10:48am

आदरेया सीमा जी, अनुमोदन के लिए हार्दिक आभार !

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on September 12, 2012 at 10:47am

कह अशोक सुन बात,भाल पर जैसे बिंदी
करो सुशोभित आज, देश की भाषा हिंदी

आदरणीय अशोक जी, हिंदी को उपेक्षा से उभारने के इस सद्प्रयास हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें! सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"योग ****    छोटी छोटी बच्चियाँ, हैं भविष्य की आस  शिक्षा लेतीं आधुनिक, करतीं…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय  निलेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई इस ग़ज़ल के लिए।  "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि शुक्ल भैया,आपका अलग सा लहजा बहुत खूब है, सादर बधाई आपको। अच्छी ग़ज़ल हुई है।"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
Tuesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service