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राजनीति दंश है

॥राजनीति दंश है॥
(घनाक्षरी छंद)
*****************************
ये राजनीति दंश है,कौरव कंस वंश है,
ईश यदुवंश अवतार होना चाहिए।
लुटेरे या भिखारी हैं,अथवा भ्रष्टाचारी हैं,
इनसे तो युद्ध आर पार होना चाहिए॥
क्रान्ति आज आहवान,तोड़ सब व्यवधान,
अब हिन्दुस्तान में हुंकार होना चाहिए।
भ्रष्टतंत्र ध्वस्त तंत्र,विकृत विक्षिप्त तंत्र,
गणतंत्र हंत पे प्रहार होना चाहिए॥

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Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 24, 2012 at 9:10am

घनाक्षरी रचने का सुन्दर प्रयास .....

बधाई मित्र ...


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 24, 2012 at 6:10am

सुन्दर घनाक्षरी प्रयास हुआ है, विंध्येश्वरी प्रसादजी.

Comment by Ashok Kumar Raktale on August 23, 2012 at 11:52pm

क्रान्ति आज आहवान,तोड़ सब व्यवधान,
अब हिन्दुस्तान में हुंकार होना चाहिए।

बहुत सही अवश्य ही गणतंत्र हन्ताओं पर प्रहार होना चाहिए. बधाई.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 22, 2012 at 3:45pm

ये राजनीति दंश है--------भ्रष्ट तंत्र/ तनतंत्र हंत पर प्रहार होना चाहिए 

अवश्य ही होना चाहिए | सुन्दर भांव, हार्दिक बधाई आदरणीय 

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