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नौहा समझो तो नौहा, दोहा समझो तो दोहा

पहले से ही त्रस्त हैं, सीधे सादे लोग
मत फैलाओ भाइयो, अफवाहों का रोग

जन जन आशंकित हुआ, नख से लेकर केश
अफवाहों की आँच में, झुलस न जाये देश

देश हमारा  ताज है,  देशधर्म सरताज
जब तक इसकी लाज है, तब तक अपनी लाज

किसके सिर में चल रही, हिंसा की खुजलाट
मुझको गर दिख जाये वो, मारूँ  उसे चमाट

कर्णाटक हो या असम, चाहे महाराष्ट्र
एक हमारी भावना, एक हमारा राष्ट्र 

बीज न बोयें द्वेष का, रखिये मन में नेह
आपस में नेहस्त हों , केरल हो या लेह

सरकारों को कोसना, दुस्साहस कहलाय
लेकिन अपने देश में, मूरख आग लगाय

'अलबेला' विनती करे, जोड़े दोनों हाथ
मिलजुल जीना सीख लो, इक दूजे के साथ

-जय हिन्द !
-अलबेला खत्री

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Comment

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Comment by Albela Khatri on August 17, 2012 at 8:55pm

आपकी वाह वा.......शिरोधार्य है  राजेश कुमारी जी......
आभार

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 17, 2012 at 7:05pm
नोहा शब्द को खोजते,क्यों अपने को थकाय
अलबेला क़ी खोज यह,शब्द कोष को बढ़ाय 
हार्दिक बधाई भाईजी सुन्दर भाव -
तुम्हारे काव्य क़ी धार है, अलबेला पैनी धार
दो दो सौगात अब हाथ है, साथ रहने में सार   
 
अलबेलासा परिपक्व करो,सिरपर रखो हाथ 
 लक्ष्मण अब विनती करे, दो भाई का  साथ  
-जय हिन्द !  
Comment by seema agrawal on August 17, 2012 at 4:06pm

देश हमारा  ताज है,  देशधर्म सरताज 
जब तक इसकी लाज है, तब तक अपनी लाज .......बहुत उत्तम बात 
किसके सिर में चल रही, हिंसा की खुजलाट
मुझको गर दिख जाये वो, मारूँ  उसे चमाट ....अच्छा प्रत्युत्तर 

कर्णाटक हो या असम, चाहे महाराष्ट्र 
एक हमारी भावना, एक हमारा राष्ट्र....................बहुत बढ़िया अलबेला जी सभी दोहे एक से बढ़ कर एक
बस एक इस नौहे में यदि   चाहे महाराष्ट्र में एक मात्रा बढ़ा  देंगे तो यह भी दोहा  हो जायगा 
पर आपकी ये नौहा वाली बात अच्छी लगी ...अब दोहे में कुछ कमी होने पर मै भी यही बोल दूंगी ये दोहा नहीं नौहा है ....नयी ईजाद :):)


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 17, 2012 at 1:07pm

किसके सिर में चल रही, हिंसा की खुजलाट
मुझको गर दिख जाये वो, मारूँ  उसे चमाट ---अलबेला  स्टाइल

बीज न बोयें द्वेष का, रखिये मन में नेह 
आपस में नेहस्त हों , केरल हो या लेह-----देश प्रेम की इससे उत्तम राय हो नहीं सकती .....सभी दोहों के लिए वाह ...वाह ...वावाह

Comment by Albela Khatri on August 17, 2012 at 12:51pm

आपका बहुत बहुत धन्यवाद   रेखा जी

Comment by Rekha Joshi on August 17, 2012 at 12:47pm

देश हमारा  ताज है,  देशधर्म सरताज 
जब तक इसकी लाज है, तब तक अपनी लाज ,सुंदर प्रस्तुति अलबेला जी ,बधाई 

Comment by Albela Khatri on August 17, 2012 at 12:30pm

धन्यवाद भाईजी.........
आदरणीय अविनाश जी.........आपका आभार
सादर

Comment by AVINASH S BAGDE on August 17, 2012 at 12:22pm

देश हमारा  ताज है,  देशधर्म सरताज 
जब तक इसकी लाज है, तब तक अपनी लाज SATEEK SAMPRESHAN..

एक हमारी भावना, एक हमारा राष्ट्र  BILKUL...

 भाई अलबेला जी  बधाई स्वीकार करें.  .....

Comment by Albela Khatri on August 17, 2012 at 11:09am

जय हो...........
सादर


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on August 17, 2012 at 10:57am

असम हो या कर्नाटका की जगह कर्णाटक हो या असम  कर दिया है भाई जी. 

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